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नैनीताल। हाईकोर्ट ने हरिद्वार में गंगा किनारे व अन्य जगहों से कुष्ठ रोगियों को हटाने के मामले में स्वत: संज्ञान लेने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार को कुष्ठ रोगियों के लिए शेल्टर होम बनाने का काम तीन माह में पूरा करने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार देहरादून की एनजीओ एक्ट नाऊ वेलफेयर सोसाइटी ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजा था कि सरकार ने 2018 में गंगा नदी के किनारे व अन्य स्थानों से अतिक्रमण हटाने के दौरान यहां बसे कुष्ठ रोगियों को भी हटा दिया था। अब इनके पास न घर है और ना ही रहने की कोई व्यवस्था है।
पूर्व में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने डीएम से हरिद्वार जिले में कुष्ठ रोग आश्रम और कुष्ठ रोगियों की संख्या पूछी थी। साथ ही उनके पक्के व कच्चे आवासों की भी जानकारी देने को कहा था। सरकार की ओर से कहा गया कि कुष्ठ रोगियों के पुनर्वास के लिए शेल्टर होम बनाए जा रहे है। सरकार की ओर से करीब 62 से 63 शेल्टर होम बनाए जाने की बात कही गई है।