30 अगस्त: अफगानिस्तान में महीनों पहले ही अमेरिका ने ‘सरेंडर’ कर दिया था। जिस वजह से अब पूरे देश पर तालिबान का कब्जा हो गया है। साथ ही समझौते के मुताबिक 31 अगस्त यानी मंगलवार तक अमेरिका वहां से अपने सभी सैनिकों और नागरिकों को निकाल लेगा। जिसके लिए युद्धस्तर पर अभियान जारी है। वहीं बीते कुछ दिनों से एयरपोर्ट के पास कई हमले हुए हैं। जिसका असर अमेरिका के रेस्क्यू ऑपरेशन पर भी पड़ा। अब वहां से निकाले गए लोगों के बारे में अमेरिकी सरकार ने विस्तृत जानकारी दी है।
व्हाइट हाउस के मुताबिक 29 अगस्त को सुबह 3 बजे से 30 अगस्त की सुबह 3 बजे तक करीब 1200 लोगों को काबुल से निकाला गया। इस दौरान 26 C-17 सैन्य विमान का इस्तेमाल हुआ। इसके अलावा 2 अन्य उड़ानों ने भी 50 लोगों को वहां से निकाला। व्हाइट हाउस ने आगे कहा कि 14 अगस्त से अब तक के आंकड़े को देखें तो काबुल से 1,16,700 लोगों को निकाल गया। इससे पहले जुलाई में 1,22,300 लोगों को अमेरिका ने रिलोकेट किया था।
13 अमेरिकी जवान शहीद
काबुल एयरपोर्ट के बाहर गुरुवार को तीन सीरियल ब्लास्ट हुए थे। जिसमें 103 लोगों की मौत हुई, जबकि 150 के करीब लोग घायल थे। इस हमले में अमेरिका के 13 जवान भी शहीद हुए। ब्लास्ट के कुछ देर बाद हमले की जिम्मेदारी ISIS-K ने ली। अमेरिका का दावा है कि उसने साजिशकर्ताओं को एयरस्ट्राइक में मार गिराया है।
एयरपोर्ट के पास रॉकेट हमला
वहीं रविवार को काबुल एयरपोर्ट के पास रॉकेट हमला हुआ। ये रॉकेट एक घर में गिरा था, जिसमें एक बच्चे की मौत हो गई। घटना पर एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि ISIS-K आतंकियों को निशाना बनाने के लिए हमला किया गया था। फिलहाल इन दिनों काबुल एयरपोर्ट के बाहर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।