img

Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारत और पाकिस्तान के बीच बिगड़ते रिश्तों और तनावपूर्ण माहौल के बीच भारत ने अमेरिका समेत पूरी दुनिया को साफ संदेश दिया है। नई दिल्ली ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पाकिस्तान के साथ किसी भी स्तर की राजनीतिक वार्ता तभी संभव होगी जब पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) भारत को वापस कर दिया जाएगा तथा भारत में आतंकवाद को भड़काने वालों को भारत को सौंप दिया जाएगा।

सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कश्मीर मुद्दे पर भारत का रुख बिल्कुल स्पष्ट है। सूत्रों ने कहा, "कश्मीर पर हमारा रुख बिल्कुल साफ है। अब सिर्फ एक ही मुद्दा बचा है- पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) की वापसी। इसके अलावा बात करने के लिए कुछ नहीं है। अगर वे आतंकियों को सौंपने की बात करते हैं तो हम बात कर सकते हैं। किसी अन्य विषय पर हमारा कोई इरादा नहीं है और हम किसी की मध्यस्थता नहीं चाहते हैं।" सूत्रों के अनुसार, पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला भले ही एक विशिष्ट घटना रही हो, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ मौजूदा कार्रवाई पिछले चालीस वर्षों से चले आ रहे आतंकवाद का परिणाम है।

' युद्ध विराम ' नहीं , बल्कि ' नई सामान्य स्थिति '

'युद्ध विराम' शब्द का इस्तेमाल न किए जाने के बारे में बताते हुए सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट किया, "ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है। हम एक नए सामान्य दौर में हैं। इसीलिए हम 'समझ' और युद्ध विराम जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। दुनिया को इसे स्वीकार करना होगा। पाकिस्तान को भी यह स्वीकार करना होगा कि वह हमेशा की तरह नहीं चल सकता।" इससे पता चलता है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में कोई समझौता करने को तैयार नहीं है।

पाकिस्तान की उकसावेबाजी और भारत का करारा जवाब

सूत्रों ने बताया कि 7 मई को भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी शिविरों पर हमले करने के बाद पाकिस्तान के डीजीएमओ को इसकी जानकारी दी थी। हालाँकि, पाकिस्तान ने बातचीत का कोई प्रयास नहीं किया और इसके बजाय भारतीय सीमा पर हमले शुरू कर दिए। इसके जवाब में, जब 10 मई को भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए आठ पाकिस्तानी हवाई ठिकानों को नष्ट कर दिया, तभी पाकिस्तानी डीजीएमओ को फोन आया और उन्होंने युद्धविराम की बात कही। यह घटनाक्रम पाकिस्तान के दोहरे मापदंड और भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति को उजागर करता है।