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20 year old man murdered in Hawainagar, face burnt in forest to destroy evidence | हवाईनगर में 20 साल के युवक की हत्या, सबूत मिटाने के लिए जंगल में चेहरा जलाया

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रांची20 घंटे पहले

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फाइल फोटो - Dainik Bhaskar

फाइल फोटो

  • हत्यारों की जल्द गिरफ्तारी की मांग को ले लोगों ने किया प्रदर्शन
  • परिजनों का आरोप- अर्जुन की गुमशुुदगी की सूचना देने पर जगन्नाथपुर थाने की पुलिस ने कहा- खुद तलाश कर लो

जगन्नाथपुर थाने की पुलिस ने शुक्रवार को हवाईनगर के पास जंगल से अधजला शव बरामद किया। शव की शिनाख्त लटमा रोड निवासी अर्जुन लिंडा (20) के रूप में हुई है। वह 15 अगस्त से लापता था। अर्जुन एक बाइक शो रूम में 6 हजार रुपए की सैलरी पर नौकरी करता था। हत्यारों ने उसकी हत्या करने के बाद सबूत मिटाने के लिए शव को जंगल में फेंककर उसके चेहरे को बुरी तरह जला दिया है। शव मिलने की सूचना पर जगन्नाथपुर थाना प्रभारी अभय कुमार जंगल में पहुंचे और एफएसएल की टीम को बुलाया।

एफएसएल की टीम के सदस्यों ने शव और आसपास से कुछ सैंपल एकत्र किए, ताकि हत्यारों का सुराग जुटाने में पुलिस को मदद मिल सके। पुलिस जब शव उठाने लगी, तो स्थानीय लोग भड़क गए। हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे। लोगों इस बात पर अड़े हुए थे कि जब तक हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं होगी, तब तक वे लोग शव नहीं उठने देंगे। प्रदर्शन की सूचना मिलने पर हटिया एएसपी घटनास्थल पर पहुंचे। एएसपी ने लोगों को आश्वासन दिया कि हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तारी होगी, उसके बाद लोगों ने शव उठने दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए शव को रिम्स भेजा। इधर, परिजनों का आरोप है कि अर्जुन के लापता होने की सूचना जिस दिन पुलिस को दी गई थी, यदि उसी दिन पुलिस खोजबीन करती तो उसकी जान बच सकती थी।

15 की रात को घर से बुला कर ले गया था विकास तिर्की

मृतक अर्जुन लिंडा की मां मंजू लिंडा और भाई करण लिंडा ने बताया कि 15 अगस्त को अर्जुन अपने नौ दोस्तों के साथ पार्टी करने गया था। पार्टी के बाद घर आया था, उसी रात उसे बुलाने के लिए उसका एक दोस्त विकास तिर्की घर आया था। उसने पहले अर्जुन से खैनी मांगकर खाई, फिर घूमने की बात कहकर उसे साथ ले गया। रातभर वह नहीं लौटा तो 16 अगस्त को परिजन उसकी गुमशुदगी का मामला दर्ज कराने जगन्नाथपुर थाना गए और पुलिस को घटना की पूरी जानकारी दी। लेकिन, पुलिस ने उसे ढूंढने के बजाय कहा कि वे लोग खुद जाकर ढूंढ लें। परिजनों का कहना है कि अगर समय पर पुलिस उसे ढूंढती तो जान बच सकती थी।

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