
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अफ़ग़ानिस्तान में भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। देर रात अफ़ग़ानिस्तान के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में तेज़ भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता इतनी ज़्यादा थी कि कई घर मलबे में तब्दील हो गए। तीव्रता 6.3 दर्ज की गई। इस दौरान 800 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं, भूकंप के झटकों का असर पाकिस्तान और भारत में भी महसूस किया गया।
संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के अनुसार, कल रात अफ़ग़ानिस्तान के साथ-साथ दिल्ली-एनसीआर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.0 मापी गई।
800 लोग मारे गए
अफ़ग़ानिस्तान के नांगरहार जन स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता नकीबुल्लाह रहीमी ने मृतकों की संख्या 800 होने की पुष्टि की है। रहीमी ने बताया कि भूकंप के तेज़ झटकों के कारण कई घर ढह गए। शुरुआत में 9 लोगों के मरने और 15 के घायल होने की ख़बर थी। लेकिन अब 800 लोगों के मरने और 1,500 से ज़्यादा के घायल होने की आशंका है। सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
भूकंप कब आया?
यूएसजीएस के अनुसार, भूकंप का केंद्र जलालाबाद से 27 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में 8 किलोमीटर की गहराई में दर्ज किया गया। भूकंप रविवार-सोमवार की दरमियानी रात 12:47 बजे आया। अफ़ग़ानिस्तान के अलावा, पाकिस्तान के ख़ैबर पख़्तूनख़्वा में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।
दिल्ली-एनसीआर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। आधी रात को अचानक आए झटकों से कई लोग अपने घरों से बाहर भागे। लोगों में दहशत का माहौल था। हालाँकि, दिल्ली-एनसीआर में आए झटके अफ़ग़ानिस्तान के मुकाबले हल्के थे, जिससे जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ।
भूकंप क्यों आते हैं?
हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला में टेक्टोनिक गतिविधियाँ बहुत सक्रिय हैं। भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के विस्थापन के कारण, इस क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। इससे पहले, 2 अगस्त को इसी क्षेत्र में 5.5 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र ज़मीन से 87 किलोमीटर नीचे दर्ज किया गया था। 6 अगस्त को यहाँ 4.2 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था।
7 अक्टूबर, 2023 को अफ़ग़ानिस्तान में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके बाद तेज़ झटके भी आए। तालिबान सरकार का अनुमान है कि कम से कम 4,000 लोग मारे गए। संयुक्त राष्ट्र ने मृतकों की संख्या लगभग 1,500 बताई है। यह हाल के दिनों में अफ़ग़ानिस्तान में आई सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा थी।