Prabhat Vaibhav,Digital Desk : देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल जागेश्वर धाम इस बार एक अनोखे लोकतांत्रिक आयोजन का गवाह बनने जा रहा है। यहां 6 दिसंबर को पुजारियों के प्रतिनिधि का चुनाव होगा, जिसके बाद धाम में कार्यरत पुजारियों की नई “सरकार” गठित की जाएगी। माना जाता है कि यह देश का पहला मंदिर है, जहां पुजारियों का प्रतिनिधि खुले मतदान से चुना जाता है। चुने गए प्रतिनिधि का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है।
चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह हाईकोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार कराई जाएगी। पूरा आयोजन प्रशासन की निगरानी में होगा, ताकि मतदान निष्पक्ष और शांतिपूर्ण रहे। निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि मंदिर से जुड़े विभिन्न वर्गों के सौ से अधिक पुजारी इस बार वोट डालेंगे। मतदाता सूची को अपडेट कर दिया गया है और उम्मीदवारों के नामांकन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
जागेश्वर मंदिर में पुजारी प्रतिनिधि की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है। यही प्रतिनिधि पूजा-पाठ की व्यवस्था, त्योहारों का प्रबंधन, श्रद्धालुओं की देखरेख और पुजारियों के आंतरिक मामलों का समन्वय करता है। इसी कारण हर बार इन चुनावों को लेकर पुजारियों में खास उत्साह रहता है।
स्थानीय प्रशासन ने मतदान केंद्र को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के निर्देश दिए हैं। सुरक्षा के मद्देनज़र धाम परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा। उम्मीद है कि चुनाव के नतीजे उसी दिन घोषित कर दिए जाएंगे। धार्मिक परंपराओं और आधुनिक प्रशासनिक प्रक्रिया का यह मेल जागेश्वर धाम को एक खास पहचान देता है।
प्रबंधक और उपाध्यक्ष पद लंबे समय से खाली
अल्मोड़ा में जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति की दो महत्वपूर्ण कुर्सियां लंबे समय से खाली हैं, जिससे समिति का कामकाज प्रभावित होने लगा है। हाईकोर्ट के आदेशों के तहत मंदिर की सभी गतिविधियों का संचालन यही समिति करती है, जिसके पदेन अध्यक्ष डीएम होते हैं। जबकि प्रबंधक और उपाध्यक्ष की नियुक्ति तीन वर्षों के लिए राज्यपाल स्तर से होती है।
प्रबंधक का कार्यकाल अक्टूबर 2024 में खत्म हो चुका है और तब से यह पद खाली है। उपाध्यक्ष का कार्यकाल भी 14 अगस्त 2024 को पूरा हो गया, लेकिन अभी तक नए उपाध्यक्ष के लिए विज्ञप्ति जारी नहीं की गई है। प्रबंधक पद के लिए जुलाई 2024 में विज्ञप्ति तो जारी हुई थी, लेकिन प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। नियमों के अनुसार उपाध्यक्ष की विज्ञप्ति कार्यकाल समाप्त होने से दो महीने पहले जारी होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। नतीजतन पांच सदस्यीय समिति में दो पद लंबे समय से खाली पड़े हैं।
एसडीएम संजय कुमार ने बताया कि पुजारियों के चुनाव को लेकर सभी तैयारियां पूरी हैं और निर्धारित तारीख पर ही मतदान कराया जाएगा।




