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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : महाराष्ट्र में भाषा विवाद के तूल पकड़ने के साथ ही, राज्य के उप-मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख अजित पवार ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सभी को अपनी मातृभाषा का सम्मान करना चाहिए और उस पर गर्व महसूस करना चाहिए। अगर महाराष्ट्र में रहने वाले अन्य भाषा-भाषी लोग मराठी नहीं जानते, तो उन्हें आक्रामक रवैये से बचते हुए विनम्रता से मराठी सीखने की कोशिश करनी चाहिए। अजित पवार का यह बयान हाल ही में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के बीच हुई वाकयुद्ध के बाद आया है, जिसने विवाद को और बढ़ा दिया है।

मराठी भाषा सीखने का प्रयास करें.

मीडिया से बात करते हुए अजित पवार ने कहा कि अगर महाराष्ट्र में रहने वाले दूसरी भाषा बोलने वाले लोग मराठी नहीं जानते, तो उन्हें मराठी का सम्मान करना चाहिए और बिना किसी आक्रामक रवैये के मराठी सीखने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया, "अगर महाराष्ट्र में रहने वाले दूसरी भाषा बोलने वाले लोग कहते हैं कि हम महाराष्ट्र में रहते हैं, लेकिन मराठी उतनी अच्छी तरह नहीं जानते, लेकिन हम मराठी का सम्मान करते हैं। हमारी भाषा हिंदी या अंग्रेजी है, लेकिन हम उसे सीखने की कोशिश ज़रूर करेंगे। अगर कोई इतना कह देता है, तो कुछ भी गलत नहीं होगा।"

उन्होंने आगे कहा कि कभी-कभी कुछ लोग यह कहकर प्रतिक्रिया देते हैं, 'मैं मराठी नहीं बोलूँगा', जो सही नहीं है। पवार ने ज़ोर देकर कहा कि जहाँ आप काम करते हैं, वहाँ के लोगों के विचारों और भावनाओं का भी सम्मान करना चाहिए और एक-दूसरे के साथ सद्भाव से रहना चाहिए।

भाषा विवाद को लेकर अजित पवार ने आगे कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक, सभी को अपनी मातृभाषा पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने लोगों को मराठी को दिए गए उच्च दर्जे की भी याद दिलाई। मौजूदा हालात को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए पवार ने कहा कि भाषा के नाम पर जो हो रहा है, वह गलत है। उन्होंने अपील की कि, “यहाँ रहने वाले जो लोग मराठी नहीं जानते, वे विनम्रतापूर्वक कहें, 'हमें मराठी नहीं आती, हम सीखने की कोशिश करेंगे।'”

भाषा विवाद की राजनीतिक पृष्ठभूमि

महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी भाषा विवाद गुरुवार (24 जुलाई, 2025) को संसद भवन पहुँच गया। विवाद तब शुरू हुआ जब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने ठाकरे परिवार पर निशाना साधते हुए कहा, "अगर आप इतने बड़े बॉस हैं, तो महाराष्ट्र छोड़ दीजिए, हम आपकी पिटाई कर देंगे।"

इस बयान के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने पलटवार करते हुए कहा, "जो कोई भी मराठी लोगों को 'मार-मारकर' मारेगा, हम उसे मुंबई के समुद्र में 'डुबो' देंगे।" इस जुबानी जंग ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है, जिस पर अजित पवार ने मराठी भाषा पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। यह घटनाक्रम दर्शाता है कि महाराष्ट्र की राजनीति में भाषा का मुद्दा कितना संवेदनशील और महत्वपूर्ण है।