
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अमेरिका ने भारत की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार (6 अगस्त) को 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ का ऐलान किया। इस हिसाब से भारत पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लग गया है। ट्रंप के एकतरफा टैरिफ ऐलान के बाद अब भारत के पास कुछ विकल्प हैं जिनके ज़रिए वह अमेरिका को जवाब दे सकता है। ट्रंप ने रूस के साथ भारत के व्यापार पर नाराज़गी जताई थी और इसी के चलते उन्होंने टैरिफ भी बढ़ा दिया है।
ट्रंप के नए टैरिफ भारतीय निर्यातकों, खासकर छोटे और मध्यम उद्यमों, को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन भारत के पास टैरिफ का मुकाबला करने के कई विकल्प हैं। उसके पास कूटनीतिक बातचीत के साथ-साथ जवाबी टैरिफ लगाने का भी विकल्प है।
अमेरिका से बातचीत करके कोई रास्ता निकाला जा सकता है।
ट्रंप के नए टैरिफ 21 दिन बाद भारत पर लागू हो जाएँगे। इसलिए भारत के पास अभी भी समय है कि वह अमेरिका से बात करके बीच का रास्ता निकाले। अगर भारत टैरिफ पर ट्रंप से बात करने की पहल करता है, तो बीच का रास्ता भी एक विकल्प हो सकता है। हालाँकि, इसके अलावा भी रणनीतिक विकल्प हैं, जो भारत के काम आ सकते हैं।
भारत के पास जी-20 या ब्रिक्स से मदद मांगने का विकल्प है।
भारत विश्व व्यापार संगठन के मंच पर ट्रम्प के टैरिफ के खिलाफ आवाज उठा सकता है। भारत यह तर्क दे सकता है कि अमेरिकी टैरिफ भेदभावपूर्ण है, जो सीधे तौर पर विश्व व्यापार संगठन के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। देश के पास जी-20 या ब्रिक्स जैसे मंचों पर समर्थन मांगने का भी समय है। यह भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। भारत टैरिफ के प्रभाव को बातचीत के जरिए संतुलित करने की मांग कर सकता है।
अमेरिका पर जवाबी टैरिफ
अगर अमेरिका के साथ बातचीत से मसला नहीं सुलझता, तो भारत जवाबी कार्रवाई कर सकता है। वह अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगा सकता है। उसके पास कृषि उत्पादों या तकनीकी उपकरणों पर जवाबी टैरिफ लगाने का विकल्प है।