
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़े फैसले में दर्जनों देशों पर 10 प्रतिशत से 41 प्रतिशत तक के नए पारस्परिक शुल्क लगाने के आदेश की घोषणा की। आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने कहा कि यह कदम वर्षों से चले आ रहे व्यापार असंतुलन को दूर करने और अमेरिका की आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उठाया गया है।
UPDATE Trump orders tariffs on dozens of countries in push to reshape global trade.
— AFP News Agency (@AFP) August 1, 2025
However in a minor reprieve, the White House said the measures will take effect in a week, not this Friday as previously expected https://t.co/0xf5Mm6hSJ pic.twitter.com/IniXGQt2ue
व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक तथ्य पत्रक के अनुसार, यह आदेश न केवल शुल्क दरों में बदलाव करेगा, बल्कि इन शुल्कों के लागू होने की तिथि भी निर्धारित करेगा। ट्रंप ने शुरुआत में शुल्कों की तिथि 1 अगस्त निर्धारित की थी, ताकि तब तक सभी देशों के साथ व्यापार समझौते पूरे हो सकें, लेकिन अब जिन 70 से ज़्यादा देशों पर ये शुल्क लागू होंगे, उन पर ये शुल्क आदेश की घोषणा के 7 दिन बाद लागू होंगे।
इस आदेश के तहत भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है। अमेरिका का तर्क है कि भारत जैसे देश अमेरिकी वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाते हैं, जबकि अपने लिए व्यापार रियायतें मांगते हैं। पाकिस्तान पर 19 प्रतिशत, बांग्लादेश और वियतनाम पर 20 प्रतिशत, दक्षिण अफ्रीका पर 30 प्रतिशत और स्विट्जरलैंड पर सबसे ज़्यादा 39 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है। इसके अलावा, कैमरून, चाड, इज़राइल, तुर्की, वेनेजुएला और लेसोथो जैसे देशों पर 15 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, कनाडा पर भी 35 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है, जो पहले 25 प्रतिशत था। अमेरिका का आरोप है कि कनाडा अवैध ड्रग संकट को रोकने में विफल रहा है और अमेरिकी नीतियों का बदला ले रहा है।
ट्रम्प ने बताया कि टैरिफ लगाने का निर्णय कैसे लिया गया
व्हाइट हाउस के एक बयान के अनुसार, नया टैरिफ आदेश ट्रंप द्वारा पहले जारी किए गए एक कार्यकारी आदेश पर आधारित है, जिसमें कहा गया था कि अमेरिका का लगातार बढ़ता व्यापार घाटा उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। ट्रंप ने यह भी कहा कि यह फैसला नई खुफिया रिपोर्टों और वरिष्ठ अधिकारियों की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है। उन्होंने कहा कि कई देशों ने व्यापार असंतुलन को दूर करने के लिए बातचीत नहीं की है या बहुत कम प्रयास किए हैं। कुछ देशों ने ऐसे प्रस्ताव रखे हैं जो पर्याप्त नहीं थे।
अमेरिकी कंपनियों पर भी बोझ पड़ेगा।
ट्रंप का दावा है कि ये टैरिफ अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग उद्योग को पटरी पर लाने और अमेरिकी निर्यात पर लगी व्यापार बाधाओं को कम करने के लिए लगाए जा रहे हैं। उनका कहना है कि इन टैरिफ का बोझ विदेशी निर्यातकों पर पड़ेगा, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ज़्यादातर बोझ अमेरिकी कंपनियों पर पड़ रहा है। इसकी वजह से अमेरिका में मुद्रास्फीति की दर भी बढ़ रही है। ख़ासकर फ़र्नीचर, घरेलू उपकरणों और खिलौनों जैसी वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं।
इन देशों ने अमेरिका के साथ किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं
समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, जिन देशों ने अभी तक अमेरिका के साथ कोई समझौता नहीं किया है, उनमें भारत, ब्राज़ील, कनाडा और ताइवान जैसे बड़े देश शामिल हैं। इसके साथ ही, श्रीलंका, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका और लेसोथो जैसे छोटे देशों को भी अब उच्च टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। ट्रंप की टैरिफ नीति की घोषणा सबसे पहले 2 अप्रैल को हुई थी, जब उन्होंने लगभग 60 देशों पर 50 प्रतिशत तक आयात शुल्क लगाने की बात कही थी। यह समयसीमा पहले 9 अप्रैल और फिर 9 जुलाई तक के लिए टाली गई थी, लेकिन अब यह 1 अगस्त से लागू हो रही है।