
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में सांसद के तौर पर शपथ लेने के बाद, समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने सदन में अपने पहले ही भाषण में तीखे सवाल दागकर सरकार को घेरा। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का मुद्दा उठाते हुए भाजपा पर परोक्ष रूप से निशाना साधा और पूछा कि जब विपक्ष पर देश के जवानों और भारत माता का अपमान करने का आरोप लगाया जा रहा है, तो उन्हें (सत्ता पक्ष) यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर भारतीय सेना को अपने ही देश में ‘संघर्षविराम’ जैसी स्थिति की ज़रूरत क्यों पड़ी?
अखिलेश यादव ने अपनी बात रखते हुए पूरी मजबूती से कहा कि उनके लिए भारत माता और सैनिकों का बलिदान सबसे ऊपर है, इससे बढ़कर कुछ भी नहीं। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए सवाल किया कि यदि देश के अंदर सब कुछ सामान्य और सुरक्षित है, तो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे आंतरिक सुरक्षा अभियान के तहत सेना को अपने ही देश की धरती पर किसी विशेष ऑपरेशन में ‘सीज़फायर’ (संघर्षविराम) जैसी स्थिति बनाने की ज़रूरत क्यों पड़ी?
सपा प्रमुख ने उन आरोपों पर भी कटाक्ष किया, जिनमें विपक्ष पर शहीदों और जवानों का अपमान करने का आरोप लगाया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग देश के शहीदों और सैनिकों की शहादत पर राजनीति करते हैं और चुनावों में उसका इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने ज़ोर दिया कि यदि देश सच में सुरक्षित है और दुश्मन देश के भीतर प्रवेश नहीं कर पाया है, तो फिर इस तरह के अभियानों में ‘सीज़फायर’ क्यों लागू किया गया, इसका जवाब सरकार को देना चाहिए।
अखिलेश के इन सवालों ने संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह राजनीतिक गलियारों में गरमागरम बहस छेड़ दी है, जिससे सेना से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर फिर से चर्चा तेज़ हो गई है।