Prabhat Vaibhav,Digital Desk : ईडी की रांची क्षेत्रीय टीम ने लगभग ₹307 करोड़ के एक बड़े मल्टी-लेवल मार्केटिंग घोटाले में मेसर्स मैक्सिज़ोन टच प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक चंद्र भूषण सिंह और उनकी पत्नी प्रियंका सिंह को गिरफ्तार किया है। दोनों को 16 दिसंबर, 2025 को पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया गया था। ईडी के अनुसार, इस मामले में आम जनता से भारी धोखाधड़ी की गई है।
जांच में पता चला है कि आरोपी धोखाधड़ी वाली मल्टी-लेवल मार्केटिंग योजना चला रहे थे, जिसमें लोगों को हर महीने भारी मुनाफा और रेफरल पर बड़े लाभ का लालच देकर फंसाया जाता था। इस योजना के जरिए 21 अलग-अलग बैंक खातों में 307 करोड़ रुपये से अधिक जमा किए गए। पूरी रकम अवैध रूप से जुटाई गई थी, जिसे ईडी ने अपराध की कमाई बताया है।
ईडी की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि दोनों आरोपी पैसे लेने के बाद फरार हो गए थे। वे लगभग तीन साल तक जानबूझकर पुलिस और जांच एजेंसियों से बचते रहे। इस दौरान झारखंड, राजस्थान और असम की पुलिस लगातार उनकी तलाश करती रही। आरोप है कि इकट्ठा किए गए पैसों का इस्तेमाल बेनामी संपत्तियां खरीदने, उन्हें नकद में बदलने और विभिन्न तरीकों से छिपाने के लिए किया गया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपियों ने फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल किया, दीपक सिंह जैसे नाम भी अपनाए और बार-बार अपना ठिकाना बदलते रहे।
ईडी ने किस आधार पर जांच शुरू की?
ईडी ने झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक में दर्ज कई एफआईआर के आधार पर यह जांच शुरू की थी। इन सभी मामलों में कंपनी और उसके निदेशकों पर जनता को धोखा देने का आरोप है। इस मामले में, ईडी ने इससे पहले 16 सितंबर और 3 दिसंबर, 2025 को दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, बिहार के वैशाली, मेरठ, रांची और देहरादून सहित कई स्थानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान, फर्जी पहचान पत्र, लेनदेन डायरी और नोट, 10 लाख रुपये से अधिक नकद, कई व्यक्तियों के नाम पर बैंक दस्तावेज, लैपटॉप और मोबाइल फोन, लगभग 15,000 अमेरिकी डॉलर मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी और बड़ी संख्या में रियल एस्टेट दस्तावेज बरामद हुए। गिरफ्तारी के बाद, अदालत ने चंद्र भूषण सिंह को पांच दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है। ईडी का कहना है कि आगे की जांच जारी है और घोटाले में शामिल अन्य व्यक्तियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।




