
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन ने भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव जीत लिया है। उन्होंने विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को हराकर यह महत्वपूर्ण पद हासिल किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सी.पी. राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी है। मंगलवार (9 सितंबर, 2025) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर एक पोस्ट शेयर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "तिरु सी.पी. राधाकृष्णन जी को 2025 का उपराष्ट्रपति चुनाव जीतने पर हार्दिक बधाई। उनका जीवन हमेशा समाज की सेवा और गरीबों व वंचितों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित रहा है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे विश्वास जताते हुए कहा, "मुझे विश्वास है कि वह एक उत्कृष्ट उपराष्ट्रपति साबित होंगे, जो हमारे संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करेंगे और संसदीय विमर्श को समृद्ध करेंगे।"
Congratulations to Thiru CP Radhakrishnan Ji on winning the 2025 Vice Presidential election. His life has always been devoted to serving society and empowering the poor and marginalised. I am confident that he will be an outstanding VP, who will strengthen our Constitutional…
— Narendra Modi (@narendramodi) September 9, 2025
उपराष्ट्रपति चुनाव परिणाम और मतगणना
उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के नतीजे घोषित होते ही सी.पी. राधाकृष्णन को देश के दूसरे सबसे बड़े पद पर नियुक्त कर दिया गया है। चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर और राज्यसभा के महासचिव पी.सी. मोदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नतीजों की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि कुल 767 सदस्यों ने मतदान किया, जो 98.2% मतदान दर्शाता है। इनमें से 752 मत वैध माने गए, जबकि 15 मत अवैध रहे। सी.पी. राधाकृष्णन को 452 मत मिले, जबकि इंडी अलायंस के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को 300 मत मिले। राधाकृष्णन को विजयी घोषित किया गया क्योंकि उन्हें पहली पसंद में ही जीत के लिए आवश्यक मत मिल गए।
राज्यपाल और समाज सेवा के रूप में करियर
वर्ष 2023 में मोदी सरकार ने उन्हें झारखंड का राज्यपाल बनाया। इस पद पर आने के बाद उन्होंने अपनी सामाजिक सेवाओं का दायरा बढ़ाया। उन्होंने मात्र 4 महीनों में झारखंड के सभी 24 जिलों का दौरा किया और हाशिए पर पड़े लोगों के सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित किया। बाद में, उनका तबादला तेलंगाना, पुडुचेरी और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी हुआ, जहाँ उनकी समाज सेवा की दृष्टि जारी रही।