img

Prabhat Vaibhav,Digital Desk : हिंदू पंचांग के अनुसार, अक्टूबर 2025 में एक अशुभ अवधि, जिसे चोर पंचक कहा जाता है, 31 अक्टूबर से शुरू होने जा रही है। ज्योतिष में चोर पंचक को बेहद अशुभ माना जाता है, जो 31 अक्टूबर को सुबह 6:48 बजे से शुरू होकर 4 नवंबर को दोपहर 12:34 बजे तक रहेगा। इस दौरान किसी भी शुभ या महत्वपूर्ण कार्य को शुरू करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह असफलता और कठिनाइयाँ ला सकता है। इस अवधि के नकारात्मक प्रभावों को 5 चीजों से परहेज करके दूर किया जा सकता है, खासकर दक्षिण दिशा की यात्रा, घर की मरम्मत, नया फर्नीचर खरीदना/बनवाना और नए कपड़े खरीदना।

पंचक क्या है और चोर पंचक का महत्व क्या है?

हिंदू धर्म में किसी भी कार्य की सफलता सुनिश्चित करने के लिए शुभ और अशुभ समय पर विचार करने की परंपरा है। इन समयों को निर्धारित करने के लिए पंचांग का उपयोग किया जाता है, जिसके पाँच घटक होते हैं: तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण। ज्योतिष के अनुसार, पंचक तब लगता है जब चंद्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्रों से गुजरता है। पंचक को सभी कार्यों के लिए अत्यंत अशुभ माना जाता है। अलग-अलग वार से शुरू होने पर पंचक का नाम बदल जाता है और इस बार यह शुक्रवार, 31 अक्टूबर से शुरू हो रहा है, इसलिए इसे चोर पंचक कहा जाएगा।

चोर पंचक 2025: तिथि और अवधि

पंचक पंचांग के अनुसार, यह अशुभ काल शुक्रवार, 31 अक्टूबर को सुबह 6:48 बजे से शुरू होकर मंगलवार, 4 नवंबर को दोपहर 12:34 बजे तक रहेगा। 31 अक्टूबर को चंद्रमा धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्रों से होकर गुजरेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चोर पंचक के नियमों का पालन न करने पर शारीरिक कष्ट या आर्थिक हानि हो सकती है। इसलिए इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

चोर पंचक के दौरान बचने योग्य 5 गलतियाँ

ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, चोर पंचक के दौरान निम्नलिखित 5 चीजों से विशेष रूप से बचना चाहिए, ताकि जीवन में कठिनाइयों और नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सके:

  1. शुभ कार्य प्रारंभ करना: इस अशुभ काल में कोई भी शुभ कार्य या करियर या व्यवसाय जैसी नई परियोजनाएं शुरू नहीं करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान शुरू किए गए कार्य में बाधाएं आती हैं या वे असफल रहते हैं।
  2. दक्षिण दिशा में यात्रा करें: पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा करना अशुभ माना जाता है। इस दिशा को यम की दिशा माना जाता है। किसी भी कार्य में बाधा से बचने के लिए इस दौरान इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
  3. घर का निर्माण या मरम्मत: पंचक के दौरान घर की छत की मरम्मत या रंगाई-पुताई का काम शुरू करने या जारी रखने से बचना चाहिए। ऐसा करने से घर में अशुभ घटनाएँ घटित हो सकती हैं।
  4. फर्नीचर खरीदना/बनाना: इस अवधि में पलंग, सोफे आदि जैसे फर्नीचर को खोलना या बंद करना, यानी बनाना या खरीदना अशुभ माना जाता है। इसलिए इस अवधि में ऐसे कार्यों से बचना चाहिए।
  5. नए कपड़े या सामान: चोर पंचक के दौरान नए कपड़े या सामान खरीदना भी अशुभ माना जाता है। इस मान्यता के अनुसार, इन वस्तुओं के उपयोग से बचना चाहिए।