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Prabhat Vaibhav, Digital Desk: चंडीगढ़ के सरकारी कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएट (PG) कोर्सेस को लेकर बड़ा बदलाव हो सकता है। आगामी शैक्षणिक सत्र से कई कॉलेजों में पीजी कोर्स बंद किए जा सकते हैं। इसकी वजह है कम छात्र नामांकन और भारी वित्तीय अनियमितताएं।

यूटी प्रशासन को मिली ऑडिट और रेशनलाइजेशन रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कुछ कॉलेजों में छात्रों की संख्या उतनी ही है जितने शिक्षकों की। कुछ विषयों में तो सिर्फ 5 से 10 छात्र ही नामांकित हैं, और परीक्षा में हाज़िर होने वालों की संख्या उससे भी कम पाई गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि कॉलेजों के प्रिंसिपल बिना प्रशासन की मंजूरी के ये कोर्स वर्षों से चला रहे थे और अनुबंध पर रखे गए गेस्ट फैकल्टी को लाखों रुपये वेतन के रूप में दे रहे थे।

इन गड़बड़ियों की वजह से यूटी प्रशासन अब पीजी कोर्स बंद करने की तैयारी में है। हालांकि, अंतिम फैसला प्रशासक की जूरी द्वारा लिया जाएगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जानबूझकर ऐसे कोर्स चलाए गए जिनकी जरूरत नहीं थी।

कुछ प्रिंसिपल्स अब जांच के दायरे में हैं और प्रशासन ने कॉलेजों के भीतर बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं। पीजी कोर्स के लिए सरकार की ओर से कोई स्थायी पद स्वीकृत नहीं हुआ है, और भविष्य में केवल उन्हीं कोर्स को मंजूरी मिलेगी जिनके लिए बजट और जरूरत दोनों हों।

इस मुद्दे का असर कॉलेजों के दाखिले पर भी पड़ा है। सीबीएसई के रिजल्ट आए काफी दिन हो गए हैं, लेकिन ग्रेजुएशन कोर्स के लिए अब तक प्रॉस्पेक्टस जारी नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि पीजी कोर्स बंद करने के फैसले की वजह से प्रक्रिया में देरी हुई है। अब यह प्रॉस्पेक्टस 12 या 13 जून को जारी किया जाएगा।

इस साल दाखिले की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी, और छात्र घर बैठे ही आवेदन से लेकर फीस भरने तक सबकुछ कर सकेंगे।

पंजाब यूनिवर्सिटी पहले ही अपना प्रॉस्पेक्टस जारी कर चुका है। इस बीच सरकारी कॉलेजों में प्रिंसिपल स्तर पर हुई वित्तीय गड़बड़ियों ने प्रशासन को चौंका दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक लगभग 3 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है, जो वेतन भुगतान में हुआ है।

सूत्रों के अनुसार लंबे समय से प्रिंसिपल और अन्य अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें मिल रही थीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही थी। अब जब ऑडिट रिपोर्ट सामने आई है, तो यूटी प्रशासन ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है।

गवर्नर गुलाब चंद कटारिया ने इस मुद्दे पर दो दिनों में पूरी जांच रिपोर्ट मांगी है। यहां तक कि शनिवार की छुट्टी के दिन भी इस मसले पर अधिकारियों की बैठकों का दौर चलता रहा। प्रशासन जल्द ही कॉलेजों में प्रिंसिपल और अन्य संवेदनशील पदों पर बड़ा फेरबदल कर सकता है।