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Prabhat Vaibhav, Digital Desk : निर्जला एकादशी के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं ने आस्था और तपस्या का संगम देखा। उन्होंने पूरे दिन बिना जल ग्रहण किए निर्जल व्रत रखा और भोर होते ही हरिद्वार के त्रिवेणी घाट समेत कई स्थानों पर गंगा स्नान किया।

इस एकादशी को जेठ माह की शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह तिथि शुक्रवार को पड़ी, जिससे गंगा किनारे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। ब्रह्म मुहूर्त में ही लोग स्नान के लिए घाट पर पहुंच गए। चारधाम यात्रा पर आए यात्रियों ने भी इस अवसर पर गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य कमाया।

स्नान के पश्चात परंपरा के अनुसार श्रद्धालुओं ने गरीबों और जरूरतमंदों को हाथ के पंखे, सुराही, जल की बोतलें और अन्य गर्मी में उपयोगी वस्तुएं दान कीं। घाटों पर दिनभर पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठानों का क्रम चलता रहा।

त्रिवेणी घाट के अतिरिक्त मुनिकीरेती, लक्ष्मण झूला और जौंक क्षेत्र के घाटों पर भी स्नान करने वालों की भीड़ देखी गई। कुछ स्थानों पर छबीलें भी लगाई गईं जहां लोगों को ठंडा जल और शरबत वितरित किया गया।

यातायात और सुरक्षा के विशेष इंतज़ाम
बढ़ती भीड़ और चारधाम यात्रा की वजह से शहर की सड़कों पर वाहनों का दबाव काफी बढ़ गया। पुलिस ने व्यवस्था संभालते हुए रेलवे रोड से त्रिवेणी घाट की ओर जाने वाले मार्ग पर बैरिकेडिंग कर दी और चौपहिया वाहनों की आवाजाही रोक दी गई। घाट की पार्किंग भी पूरी तरह भर चुकी थी।

गंगा के टापू तक पहुंचे श्रद्धालु, पुलिस रही अलर्ट
त्रिवेणी घाट पर गंगा नदी में बना एक टापू इस दिन श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बन गया। कई लोग सुरक्षा चेन पार कर उस टापू तक जा पहुंचे, जबकि गंगा का बहाव उस ओर तेज था। जल पुलिस लगातार सतर्क रही और श्रद्धालुओं को टापू से लौटने की सलाह देती रही।