
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : जंगलों की रक्षा करने वाले ही जब जंगल लूटने लगें, तो सोचिए क्या होगा! पंजाब के चर्चित वन घोटाले में अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए, अवैध धनशोधन मामले में पूर्व मंडल वन अधिकारी (DFO) विशाल चौहान की करोड़ों की संपत्ति कुर्क की है। जब्त की गई संपत्तियों की कीमत 10.60 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह घोटाला पंजाब में अवैध रूप से पेड़ों की कटाई और रिश्वत लेने से जुड़ा है, जिसकी जांच चल रही है।
ईडी के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि पंजाब के रूपनगर (रोपड़) और हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में स्थित कमर्शियल इमारतें, रिहायशी संपत्तियां और ज़मीनें जब्त की गई हैं। यह सभी संपत्तियां विशाल चौहान और सह-आरोपी गुरमनप्रीत सिंह की हैं, जिन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कुर्क किया गया है।
यह मामला पंजाब सतर्कता ब्यूरो द्वारा दर्ज प्राथमिकी से सामने आया था, जिसमें चौहान पर भ्रष्टाचार, अवैध वसूली और रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लगाए गए थे। उन पर आरोप था कि अपनी तैनाती के दौरान उन्होंने भ्रष्ट तरीकों से करोड़ों रुपये कमाए। हैरान करने वाली बात यह थी कि चौहान ने अपनी तैनाती के विभिन्न जिलों जैसे रूपनगर, मोहाली और अन्य जगहों पर करोड़ों रुपये की रिश्वत इकट्ठी की और कथित तौर पर मंत्रियों और नेताओं के साथ बांटे। वह इतने प्रभावशाली थे कि तबादलों और प्रमुख पदों पर तैनातियों के लिए भी भारी रिश्वत लेते थे।
चौहान पर आरोप है कि उसने करोड़ों की नकदी एकत्रित की, जिसमें विभिन्न निजी बिल्डरों से ली गई रिश्वत भी शामिल थी। बाद में इन पैसों को अलग-अलग स्रोतों और व्यक्तियों के जरिए अपने रिश्तेदारों और सह-आरोपी गुरमनप्रीत सिंह के नाम पर रियल एस्टेट और अन्य व्यवसायों में निवेश कर दिया गया। ईडी की इस कार्रवाई से उन सभी लोगों के खिलाफ एक सख्त संदेश गया है जो सरकारी पदों पर रहते हुए भ्रष्टाचार में लिप्त रहते हैं और देश की प्राकृतिक संपदा का दोहन करते हैं। जांच अभी जारी है और ऐसे में कुछ और खुलासे भी सामने आ सकते हैं।