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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : आग बुझने के बाद प्रशासन की टीम मौके पर पहुंचकर नुकसान का आकलन कर रही है। वहीं, आग लगने के कारणों की जांच भी शुरू कर दी गई है। घटना की सूचना मिलने के बाद निचले इलाकों में रह रहे ग्रामीण भी महर गांव पहुंच गए हैं।

नीती घाटी में मलारी से करीब सात किलोमीटर आगे स्थित महर गांव शीतकाल के दौरान पूरी तरह खाली रहता है। यहां के ग्रामीण ऋतुप्रवासी हैं और सर्दियों में निचले क्षेत्रों में चले जाते हैं। गुरुवार रात करीब नौ बजे प्रशासन को गांव में मकानों में आग लगने की सूचना मिली थी। मलारी में मौजूद कुछ लोगों ने आग की जानकारी मिलने पर आईटीबीपी को साथ लेकर मौके पर पहुंचकर स्थिति की सूचना दी।

घटना के बाद देर रात फायर सर्विस ज्योतिर्मठ की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस, आईटीबीपी, आर्मी और बीआरओ के साथ मिलकर संयुक्त अभियान चलाया गया। फायर सर्विस की प्रशिक्षित टीम अत्याधुनिक अग्निशमन उपकरणों के साथ घटनास्थल पर पहुंची और चार होज पाइप बिछाकर योजनाबद्ध तरीके से आग बुझाने का कार्य शुरू किया।

अग्निशमन के दौरान आर्मी और बीआरओ के टैंकरों से लगातार पानी की आपूर्ति की गई, जिससे आग पर पूरी तरह काबू पाया जा सका। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस अग्निकांड में एक से दो मकान पूरी तरह जलकर राख हो गए, जबकि करीब पांच मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है।

तहसील प्रशासन द्वारा नुकसान का आकलन किया जा रहा है। राहत की बात यह रही कि घटना के समय गांव में कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था, जिससे किसी प्रकार की जनहानि या पशुहानि नहीं हुई।

घटनास्थल पर मलारी स्थित राजपूत रेजीमेंट, आईटीबीपी, बीआरओ, आर्मी और पुलिस बल तैनात रहे। सभी एजेंसियों के आपसी समन्वय और त्वरित कार्रवाई से स्थिति को पूरी तरह नियंत्रण में लाया गया।

फायर सर्विस ज्योतिर्मठ की टीम में एलएफएम प्रदीप त्रिवेदी, चालक प्रदीप, चालक राकेश गौड़, पंकज थपलियाल, महिला फायरमैन मनीषा सजवाण, प्रियंका रावत, मीनाक्षी और सपना शामिल रहीं। कोतवाली ज्योतिर्मठ की पुलिस टीम भी मौके पर मौजूद रही।