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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे टी20 इंटरनेशनल (T20I) मैच में भारत को 4 विकेट से हराकर पाँच मैचों की सीरीज़ में 1-0 की बढ़त बना ली है। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी और विश्लेषक गौतम गंभीर के अनुसार, मेलबर्न में भारत की आश्चर्यजनक हार के तीन प्रमुख कारण हैं। इनमें बल्लेबाजी क्रम में अनुचित बदलाव, अक्षर पटेल से गेंदबाजी न कराने का आश्चर्यजनक फैसला और दूसरे छोर पर जसप्रीत बुमराह को समर्थन न मिलना शामिल है। अभिषेक शर्मा के 68 रनों की विस्फोटक पारी के बावजूद, भारत केवल 125 रनों पर ऑल आउट हो गया, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने 40 गेंद शेष रहते हासिल कर लिया।

बल्लेबाजी क्रम में अनावश्यक बदलाव किए गए

भारतीय टीम की हार का सबसे बड़ा कारण प्रबंधन द्वारा बल्लेबाजी क्रम में किए गए अनाड़ी बदलाव थे, जिसके कारण बल्लेबाजी क्रम पूरी तरह से लय से बाहर नजर आया।

  • तिलक वर्मा की स्थिति: तिलक वर्मा ने पिछले मैचों में क्रमशः नंबर 3 और 4 पर बल्लेबाजी करते हुए 55 और 62 रनों की मजबूत औसत से रन बनाए थे, लेकिन इस मैच में उन्हें नंबर पांच पर भेजा गया, जहां वह अपना खाता भी नहीं खोल सके।
  • सूर्या और संजू का उपयोग: सूर्यकुमार यादव नियमित रूप से नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हैं, लेकिन इस बार संजू सैमसन को नंबर 3 पर पदोन्नत किया गया, जो एक रणनीतिक गलती साबित हुई।
  • शिवम दुबे का क्रम: शिवम दुबे पारी को स्थिर करने और नंबर 5 और 6 पर फिनिशर की भूमिका निभाने में सक्षम रहे हैं, लेकिन उन्हें नंबर 8 पर तब बल्लेबाजी के लिए भेजा गया, जब टीम की पारी लगभग समाप्त हो चुकी थी। इससे भारतीय बल्लेबाजी की प्रभावशीलता काफी कम हो गई।

अक्षर पटेल से गेंदबाजी न कराने का फैसला हैरान करने वाला

भारतीय कप्तान द्वारा लिया गया एक आश्चर्यजनक फैसला यह था कि उन्होंने अक्षर पटेल को गेंदबाजी ही नहीं करने दी। गौतम गंभीर के अनुसार, यह एक बड़ी गलती थी।

  • गति और विविधता: अक्षर पटेल की गेंदबाज़ी में गति और बेहतरीन विविधता है। मेलबर्न की पिच पर, उनकी विविधता ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों को परेशान कर सकती थी और भारत को महत्वपूर्ण विकेट दिला सकती थी।
  • कुलदीप का पूरा कोटा: दूसरी ओर, कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव को उनके पूरे चार ओवर दिए गए, जबकि अक्षर पटेल को बाहर रखा गया। इस चयन ने भारतीय गेंदबाजी आक्रमण को असंतुलित कर दिया।

जसप्रीत बुमराह को दूसरे छोर से समर्थन नहीं मिल रहा है

भारत ने ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए सिर्फ़ 126 रनों का छोटा सा लक्ष्य दिया था, ऐसे में गेंदबाज़ों से असाधारण प्रदर्शन की उम्मीद थी। जसप्रीत बुमराह ने शानदार शुरुआत की, लेकिन उन्हें दूसरे छोर से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला।

  • बुमराह का डेब्यू: बुमराह ने अपने पहले ही ओवर में गेंद को कई डिग्री घुमाया, जिससे मिशेल मार्श जैसे खतरनाक बल्लेबाज़ भी मुश्किल में पड़ गए। उनके पहले ओवर में सिर्फ़ 4 रन आए, जिससे दबाव बन गया।
  • हर्षित राणा का महंगा स्पेल: हर्षित राणा ने दूसरे ओवर में सिर्फ़ 7 रन दिए, लेकिन इसके बाद मार्श और हेड ने उनके ख़िलाफ़ आत्मविश्वास हासिल कर लिया। हर्षित के दूसरे ओवर में 20 रन बने, जिससे बुमराह पर दबाव कम हुआ।
  • समर्थन की जरूरत: अगर बुमराह की मौजूदगी में दूसरे छोर से भी कसी हुई और नियमित अंतराल पर गेंदबाजी की जाती तो भारतीय टीम ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर दबाव बनाए रखने में कामयाब हो सकती थी और मैच में वापसी का मौका भी मिल सकता था।