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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के तहत आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत का गोरखपुर प्रवास तय हो गया है। यह प्रवास 14 फरवरी से 16 फरवरी तक तीन दिनों का होगा, जिसमें वे स्वयंसेवकों के साथ बैठकें करेंगे और सामाजिक सद्भाव से जुड़े प्रमुख कार्यक्रमों में सहभागिता करेंगे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, संघ प्रमुख 14 फरवरी की शाम गोरखपुर पहुंचेंगे। रात्रि विश्राम के बाद 15 फरवरी को वे दो अहम बैठकों में भाग लेंगे। पहली बैठक में वे प्रांत स्तर के संघ पदाधिकारियों के साथ संगठनात्मक विषयों पर चर्चा करेंगे, जबकि दूसरी बैठक में सामाजिक सद्भाव गोष्ठी अभियान से जुड़े संयोजकों को संबोधित करेंगे।

इस दौरान वे सद्भाव गोष्ठी को समाज के हर वर्ग तक प्रभावी रूप से पहुंचाने के लिए दिशा-निर्देश और मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। संघ नेतृत्व का मानना है कि यह अभियान समाज में संवाद, सहयोग और समरसता को मजबूत करने का माध्यम बनेगा।

16 फरवरी को होंगे दो बड़े कार्यक्रम

प्रवास के अंतिम दिन 16 फरवरी को संघ प्रमुख योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित दो महत्वपूर्ण आयोजनों में शामिल होंगे।
सुबह 11 बजे प्रमुख जन गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा, जिसमें लगभग 500 विशिष्ट नागरिकों को आमंत्रित किया जाएगा। इसके बाद परिवार मिलन समारोह आयोजित होगा, जिसमें एक हजार से अधिक लोगों की सहभागिता प्रस्तावित है।

दोनों कार्यक्रमों में डॉ. मोहन भागवत का बौद्धिक संबोधन रहेगा, जिसमें उनका मुख्य फोकस सामाजिक समरसता, राष्ट्रीय एकता और सद्भाव के मूल विचारों पर होगा।

एक फरवरी से शुरू होगा सद्भाव अभियान

संघ शताब्दी वर्ष के अंतर्गत सामाजिक सद्भाव गोष्ठी अभियान की शुरुआत 1 फरवरी से होगी, जो 28 फरवरी तक चलेगा। इस अभियान के तहत समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संवाद बढ़ाने और सौहार्द को मजबूत करने के प्रयास किए जाएंगे।

संघ के केंद्र में गोरखपुर

गुरु गोरक्षनाथ की नगरी गोरखपुर इन दिनों संघ और भाजपा दोनों के लिए रणनीतिक केंद्र बनती जा रही है। शताब्दी वर्ष कार्यक्रमों के तहत हाल ही में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले का प्रवास संपन्न हुआ था और अब संघ प्रमुख का आगमन तय हो गया है।

इससे स्पष्ट है कि संघ नेतृत्व गोरखपुर प्रांत में संगठन विस्तार की व्यापक संभावनाएं देख रहा है। इसी को लेकर प्रांत के स्वयंसेवकों में भी खासा उत्साह है और वे संगठनात्मक गतिविधियों को जमीन पर उतारने में सक्रियता से जुट गए हैं।