
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड सरकार ने राज्य में जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ अपनी 'जीरो टॉलरेंस' नीति को और सख्त कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार ने साफ कर दिया है कि बलपूर्वक या धोखे से किए गए धर्मांतरण को 'लव जिहाद' कानून के दायरे में लाया जाएगा और ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह निर्णय राज्य में बढ़ती धर्म परिवर्तन की घटनाओं और 'लव जिहाद' के कथित मामलों पर चिंता के बीच लिया गया है। उत्तराखंड सरकार ने पहले ही धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम, 2022 पारित किया है, जिसमें जबरन धर्मांतरण के लिए कठोर दंड का प्रावधान है। अब इस कानून को 'लव जिहाद' के मामलों पर भी सख्ती से लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने इस संबंध में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि धर्म परिवर्तन के मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में शांति, सद्भाव और सामाजिक समरसता बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि कोई भी व्यक्ति धर्म के नाम पर धोखा या बल प्रयोग न करे।
सरकार का यह सख्त रुख उन समूहों के लिए एक स्पष्ट संदेश है जो प्रलोभन, बल या धोखाधड़ी से धर्म परिवर्तन में शामिल हैं। इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर लंबी जेल की सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान है। यह कदम राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
हालांकि, कुछ वर्ग इस कानून को लेकर अपनी चिंताएं भी व्यक्त करते रहे हैं, लेकिन सरकार का कहना है कि इसका उद्देश्य केवल जबरन और अवैध धर्मांतरण को रोकना है, न कि किसी की स्वेच्छा से धर्म बदलने की स्वतंत्रता को बाधित करना।