
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : देश और विदेश से लाखों श्रद्धालु हर साल कैंची धाम की ओर आस्था के साथ आकर्षित होते हैं। खास बात यह है कि इस आस्था में सबसे आगे युवाओं की पीढ़ी है। भागदौड़ और प्रतिस्पर्धा भरी जिंदगी के बावजूद, पंद्रह से तीस साल के युवा बाबा नीम करौरी के दर पर शीश झुकाने के लिए दूर-दूर से आते हैं।
अल्मोड़ा-हलकद्वानी हाईवे पर स्थित यह प्रसिद्ध धाम रोजाना हजारों भक्तों का स्वागत करता है। यहां नेता, अभिनेता, खेल जगत के प्रसिद्ध खिलाड़ी और साधारण श्रद्धालु सभी बाबा के दर्शन के लिए एकत्र होते हैं।
सर्वे में खुलासा हुआ कि प्रतिदिन कैंची धाम पहुंचने वाले लगभग पाँच हजार श्रद्धालुओं में करीब सत्तर प्रतिशत युवा हैं। इन युवाओं की उम्र पंद्रह से तीस साल के बीच है। युवा पीढ़ी की यह आस्था आने वाले समय के लिए भी सकारात्मक संदेश देती है।
धाम में आस्था का यह सिलसिला केवल एक बार नहीं रुकता। श्रद्धालु बार-बार बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। सर्वे में यह भी पता चला कि बहुत से श्रद्धालु इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए धाम की जानकारी पाकर यात्रा पर निकलते हैं।
जिला अर्थ एवं सांख्यिकी अधिकारी डॉ. एम.एस. नेगी ने बताया कि युवाओं की संख्या बढ़ने के साथ-साथ व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए श्रद्धालुओं से सुझाव भी जुटाए जा रहे हैं। ये सुझाव उच्चाधिकारियों तक भेजकर सुधारात्मक कदम उठाने की योजना बनाई जा रही है।
कैंची धाम की यह युवाओं से जुड़ी आस्था और इंटरनेट के माध्यम से बढ़ती पहुंच, यह साबित करती है कि आध्यात्मिकता और आधुनिक जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना आज के युवा भी जानते हैं।