
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तर बिहार के कई जिलों में बाढ़ की संभावना बनी हुई है, लेकिन इसके समानांतर कुछ ऐसे भी जिले हैं जहां हर वर्ष सूखे जैसे हालात उत्पन्न होते हैं। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने सूखे से प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य संकट को टालने के लिए विशेष तैयारी शुरू कर दी है।
स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव की स्वीकृति के बाद सूखा प्रभावित जिलों को विशेष एडवाइजरी जारी की गई है। इस एडवाइजरी में सिविल सर्जनों और मेडिकल अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सूखे के दौरान फैलने वाली बीमारियों से निपटने के लिए पहले से तैयारी करें।
कौन-कौन सी बीमारियों से है खतरा?
सूखे की स्थिति में निम्नलिखित बीमारियों के फैलने की संभावना अधिक होती है:
श्वास संबंधी रोग जैसे तीव्र ब्रोंकाइटिस और ब्रोंकोन्यूमोनिया
पोषण की कमी से जुड़ी समस्याएं जैसे विटामिन और खनिज की कमी
संक्रामक रोग जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया
त्वचा रोग, डायरिया, बुखार
सांप और कुत्ते के काटने के मामले
दवा और बेड की व्यवस्था सुनिश्चित
स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि सभी आवश्यक दवाएं जिला और प्रखंड स्तर के अस्पतालों में उपलब्ध रहें। इसके अलावा, प्रत्येक अस्पताल में हीट वेव (लू) के संभावित मरीजों के इलाज के लिए कम से कम पांच बेड आरक्षित रखने के आदेश भी दिए गए हैं।
हीट वेव और विशेष जागरूकता अभियान
गर्मी में डिहाइड्रेशन, ब्रेन स्ट्रोक, सिरदर्द जैसे लक्षणों वाले मरीजों के लिए त्वरित चिकित्सा की व्यवस्था की जा रही है। सरकार ने वातानुकूलित एंबुलेंस की व्यवस्था करने और संवेदनशील समूहों—जैसे गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे और वरिष्ठ नागरिकों—के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश भी दिए हैं।