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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारत और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ विवाद के बीच अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने भारत से एक बड़ी अपील की है। उन्होंने भारत से रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने को कहा है। सीनेटर का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद आया है। ग्राहम ने कहा है कि यह कदम वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच संबंधों को बेहतर बनाने में बेहद अहम साबित होगा।

अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि अमेरिका के साथ संबंध सुधारने के लिए भारत के लिए सबसे ज़रूरी काम रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने में ट्रंप की मदद करना है। उन्होंने याद दिलाया कि भारत रूस से सस्ते तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है, जो पुतिन की युद्ध मशीन को ईंधन देता है। सीनेटर ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री मोदी पुतिन के साथ अपनी बातचीत में इस युद्ध को खत्म करने पर ज़ोर देते।

रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत का प्रभाव

अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने प्रधानमंत्री मोदी के पूर्व पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "जैसा कि मैं भारत में अपने मित्रों से कहता रहा हूं, भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को सुधारने के लिए सबसे महत्वपूर्ण काम जो वे कर सकते हैं, वह है यूक्रेन में चल रहे रक्तपात को समाप्त करने में राष्ट्रपति ट्रम्प की मदद करना।"

ग्राहम ने भारत को उसकी भूमिका याद दिलाते हुए कहा कि भारत रूस से सस्ते तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है, जो रूस के युद्ध प्रयासों को बढ़ावा देता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री मोदी पुतिन के साथ अपनी फ़ोन कॉल में युद्ध को न्यायसंगत और सम्मानजनक तरीके से समाप्त करने पर ज़ोर देते।

प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन के बीच बातचीत

ग्राहम का यह बयान 8 अगस्त, 2025 को प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच हुई फ़ोन पर बातचीत के बाद आया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने एक्स-पोस्ट में कहा कि पुतिन के साथ उनकी काफ़ी अच्छी और विस्तृत बातचीत हुई। इस बातचीत के दौरान पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन से जुड़े ताज़ा घटनाक्रमों की जानकारी दी।

ग्राहम के बयान से पता चलता है कि अमेरिका चाहता है कि भारत वैश्विक राजनीति में ज़्यादा सक्रिय भूमिका निभाए और रूस के साथ अपने संबंधों को मज़बूत करे, खासकर यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर। इससे भारत और अमेरिका के बीच संबंध बेहतर हो सकते हैं और वैश्विक शांति स्थापित करने में भी मदद मिल सकती है।