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आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. केके पंत ने बताया कि यह सहयोग संस्थान की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें अत्याधुनिक अनुसंधान को समाज के लिए व्यावहारिक समाधान में बदला जाता है। मैत्री एक्वाटेक की तकनीक के साथ अपनी अकादमिक विशेषज्ञता जोड़कर, आईआईटी रुड़की का लक्ष्य जल लचीलापन बढ़ाना और ऐसे स्केलेबल मॉडल तैयार करना है, जो पूरे भारत में समुदायों के लिए फायदेमंद हों।
उन्होंने कहा कि यह पहल राष्ट्रीय जल मिशन, जल शक्ति अभियान और अन्य सरकारी कार्यक्रमों का समर्थन करती है, जो सतत जल प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा देते हैं।
मैत्री एक्वाटेक के कार्यकारी उपाध्यक्ष कैप्टन केके शर्मा ने कहा कि इस साझेदारी से उन्हें अपनी वायुमंडलीय जल उत्पादन (एडब्ल्यूजी) तकनीक को शोध-आधारित अंतर्दृष्टि के साथ जोड़ने का अवसर मिलता है। इसका मकसद अधिक कुशल, टिकाऊ और सामाजिक रूप से प्रभावशाली जल समाधान सुनिश्चित करना है।
उन्होंने आगे कहा कि मिलकर यह पहल न सिर्फ भारत के सामने मौजूदा जल चुनौतियों का समाधान करेगी, बल्कि वैश्विक स्थिरता लक्ष्यों में भी योगदान देगी। इस सहयोग के समन्वयक और आईआईटी रुड़की के जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन विभाग के प्रो. एमएल कंसल ने पेयजल और स्वच्छता पहलों को आगे बढ़ाने में संयुक्त प्रयासों के महत्व पर जोर दिया।
प्रो. कंसल ने बताया कि यह समझौता विज्ञान, प्रौद्योगिकी और सामाजिक उत्तरदायित्व को जोड़ता है। यह दिखाता है कि कैसे शैक्षणिक संस्थान और उद्योग मिलकर राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और वैश्विक स्थिरता चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं, और भारत व अन्य देशों के लिए वर्तमान और भविष्य की जल आवश्यकताओं का समाधान प्रदान कर सकते हैं।
अनुसंधान और नवाचार पर ध्यान
इस साझेदारी में अनुसंधान और नवाचार को भी शामिल किया जाएगा। इसमें विभिन्न जलवायु परिस्थितियों के अनुसार एडब्ल्यूजी सिस्टम का अनुकूलन, संचालन दक्षता के लिए एआई/एमएल आधारित पूर्वानुमानात्मक मॉडलिंग और उन्नत जल गुणवत्ता विश्लेषण शामिल हैं।
इसके अलावा, इंटर्नशिप, कार्यशालाएं, संयुक्त प्रकाशन और सह-पर्यवेक्षण के माध्यम से ज्ञान हस्तांतरण पर भी जोर दिया जाएगा। तकनीकी प्रशिक्षण, संगोष्ठियों और स्थिरता-केंद्रित मॉड्यूल के जरिए छात्रों और शोधकर्ताओं को भविष्य के लिए आवश्यक कौशल से लैस किया जाएगा।
 
                     
                      
                                         
                                 
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