
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : नवरात्रि के बाद आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को रावण का पुतला दहन किया जाता है। इस दिन को रावण दहन, विजयादशमी और दशहरा जैसे नामों से जाना जाता है। इस वर्ष रावण दहन 2 अक्टूबर 2025, गुरुवार को होगा। रावण दहन की परंपरा वर्षों से चली आ रही है।
रावण दहन का त्योहार अधर्म के बाद धर्म की स्थापना और असत्य पर सत्य की विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। भगवान राम ने रावण का वध करके धर्म की स्थापना की थी। इसलिए हर साल लोग दशमी के दिन रावण का दहन करते हैं। आमतौर पर शहरों या गांवों में किसी खास जगह, जैसे किसी मैदान, सार्वजनिक स्थल या चौराहे पर बड़े पैमाने पर रावण का दहन किया जाता है, जहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद होते हैं। इन दिनों बाजार में छोटे और बड़े दोनों तरह के रावण के पुतले मिलते हैं। सुपरमार्केट में रावण की मोमबत्तियां भी मिलती हैं। तो क्या इन चीजों को घर पर जलाया जा सकता है? क्या घर पर रावण दहन किया जा सकता है, या इसमें कोई नुकसान भी है? यह सवाल कई लोगों के मन में आता है। आइए जानते हैं इसके क्या फल मिलते हैं।
क्या रावण दहन घर पर किया जा सकता है?
धार्मिक दृष्टि से, शास्त्रों में घर में रावण दहन का प्रत्यक्ष निषेध नहीं है। सुरक्षा कारणों से, रावण दहन सार्वजनिक स्थानों या खुले मैदानों में किया जाता है। खुले और बड़े स्थानों पर रावण दहन का एक कारण यह भी है कि अधिक से अधिक लोग उपस्थित होकर इसे देख सकें। हालाँकि शास्त्रों में घर या आँगन में रावण दहन का उल्लेख नहीं है, फिर भी इसे प्रत्यक्ष निषेध नहीं माना जा सकता।
क्या घर में रावण जलाना अशुभ है?
आप रावण का एक बहुत छोटा सा पुतला बनवा सकते हैं या बाज़ार से खरीदकर प्रतीकात्मक रूप से जला सकते हैं। इससे कोई नुकसान या अशुभता नहीं होती। हालाँकि, बड़े पुतले को जलाने की अपनी कुछ खास रस्में होती हैं, इसलिए इसे घर पर जलाना शुभ नहीं होता। इसके अलावा, स्वास्थ्य और सुरक्षा की दृष्टि से भी घर पर बड़ा पुतला जलाना उचित नहीं है। साथ ही, ध्यान रखें कि अगर आप घर पर रावण का छोटा पुतला या रावण मोमबत्ती जैसी कोई प्रतीकात्मक वस्तु जला रहे हैं, तो घर के चारों ओर गंगाजल छिड़कें और दीपक जलाएँ। इससे कोई नुकसान नहीं होता।
यदि आप दशहरे पर रावण का पुतला नहीं जलाते हैं या किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाते हैं, जहां रावण दहन हो रहा हो, तब भी आप दीप जलाकर, रामायण का पाठ करके या हनुमान चालीसा का पाठ करके विजयादशमी को शुभ बना सकते हैं।