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Kaveri Dispute : तमिलनाडु को कावेरी का पानी दिए जाने के विरोध में भड़के तमाम संगठनों ने कर्नाटक को किया बंद, 140 वर्षों से चला रहा दोनों राज्यों के बीच विवाद

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आज बात करेंगे दक्षिण के दो ऐसे राज्यों की जो एक नदी के जल बंटवारे को लेकर 140 वर्षों से लड़ रहे हैं। इन दोनों राज्यों का विवाद कई बार हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है लेकिन अभी तक निपटारा नहीं हो सकता है। इस नदी विवाद में अभी तक दोनों राज्यों के कई लोगों की जान भी चली गई है। लेकिन अभी तक यह मामला नहीं सुलझ सका है। 

हम बात करेंगे तमिलनाडु और कर्नाटक की। इन दोनों में राज्यों में कावेरी जल विवाद का मसला अभी तक हल नहीं हो सका है। तमिलनाडु और कर्नाटक में अभी तक कई सरकारें बदल गई लेकिन कोई भी कावेरी जल विवाद को सुलझा नहीं सकी। कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी नदी से जुड़ा यह विवाद 140 साल पुराना है। कावेरी नदी का पानी दोनों राज्यों की प्रतिष्ठा का भी विषय बना हुआ है। अब 15 दिनों से कावेरी जल विवाद को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक आमने-सामने हैं। 

बता दें कि 13 सितंबर को कावेरी वाटर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने एक आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया कि कर्नाटक अगले 15 दिन तक तमिलनाडु को कावेरी नदी से 5 हजार क्यूसेक पानी दे। कर्नाटक के किसान संगठन, कन्नड़ संस्थाएं और विपक्षी पार्टियां इसी फैसले का विरोध कर रही हैं। इसके बाद कावेरी जल विवाद को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच विवाद बढ़ गया । वहीं आज कई संगठनों ने कर्नाटक में बंद बुलाया है। 

सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक बंद का आह्वान किया है। जिसके तहत विभिन्न संगठन सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (सेक्यूलर) ने भी बंद को अपना समर्थन दिया है। कावेरी जल विवाद पर तमिलनाडु को अतिरिक्त पानी दिए जाने को लेकर कर्नाटक बंद का आह्वान करने वाले कन्नड़ समर्थकों को हिरासत में लिया गया है। हिरासत में लिए जाने के दौरान इनकी पुलिस कर्मियों से झड़प भी हुई। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया है।


बेंगलुरु-मैसूरु सुमेत कई शहरों में छाया सन्नाटा, 44 फ्लाइट्स कैंसिल की गई--


देश का सबसे खूबसूरत शहरों में सुंदर बेंगलुरु में लॉकडाउन जैसी स्थिति है। पूरा शहर रुक गया है। चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ है। ऐसे ही मैसुरु में भी है। सड़कों पर कई संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बंद की वजह से कई शहरों में लोगों का जनजीवन भी प्रभावित हुआ है। प्रदर्शनकारी हाईवे, टोल गेट्स, रेल सेवाएं बंद कराने की कोशिश कर रहे हैं। 

दुकानें, शॉपिंग मॉल, मूवी थिएटर्स, होटल और रेस्त्रां बंद हैं। इससे पहले, इन्हीं संगठनों ने 26 सितंबर को बेंगलुरु बंद किया था। बेंगलुरु आने-जाने वाली 44 फ्लाइट्स कैंसिल कर दी गई हैं। मेट्रो-बस सेवाएं चालू है, लेकिन भीड़ न के बराबर है। बेंगलुरु और मांड्या में प्रशासन ने स्कूल-कॉलेज में छुट्टी का एलान किया है। कर्नाटक में बुलाए गए बंद को बेंगलुरु और राज्य के दक्षिणी इलाकों में जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। यही वजह है कि राज्य के इस हिस्से में जनजीवन ज्यादा प्रभावित हुआ है। 

बेंगलुरु शहर, मांड्या, मैसुरु, चामराजनगर, रामनगर और हसन जिलों में किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए धारा-144 लागू की गई है। इन शहरों में स्कूल और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। बंद के बीच सीएम सिद्धारमैया राज्य के डिप्टी सीएम और सिंचाई मंत्री डीके शिवकुमार के साथ मीटिंग कर रहे हैं। कर्नाटक पुलिस ने अब तक 50 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है। 

बता दें कि 800 किमी लंबी कावेरी नदी कर्नाटक के पश्चिमी घाट के कोडागू जिले में ब्रह्मगिरी पर्वत से निकलती है। यह तमिलनाडु होती हुई बंगाल की खाड़ी में मिलती है। कावेरी के बेसिन में कर्नाटक का 32 हजार वर्ग किलोमीटर और तमिलनाडु का 44 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र आता है। दोनों राज्यों के बीच कावेरी के पानी से सिंचाई की जरूरतों को लेकर लगभग 140 साल से ज्यादा समय से विवाद है।

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