
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : सनातन धर्म में गाय को माता के रूप में पूजा जाता है। क्योंकि गाय में 33 देवी-देवताओं का वास होता है। अक्सर रोटी बनाते समय पहली रोटी गाय को खिलाई जाती है। क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे क्या महत्व है? आइए जानें।
हिंदू वेदों और पुराणों में पाँच प्रकार के कर्तव्यों का उल्लेख है: देव यज्ञ, ऋषि यज्ञ, पितृ यज्ञ, भूत यज्ञ और अतिथि यज्ञ। ये पाँच प्रकार के कर्तव्य जीवन को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की ओर ले जाने में सहायक सिद्ध होते हैं।
इन सभी यज्ञों में से, भूत यज्ञ का बहुत महत्व है। इसका कारण यह है कि भूत यज्ञ में सभी जीव-जंतु शामिल होते हैं। इस यज्ञ में छोटे-छोटे कीड़ों से लेकर पशु-पक्षी और पर्यावरण तक सब कुछ शामिल होता है।
हिंदू धर्म में भूत यज्ञ के अंतर्गत पहली रोटी गाय को देने का बहुत महत्व माना जाता है। गाय को माता माना जाता है। मान्यता है कि गाय को भोजन कराने से सभी प्रकार के दुख दूर हो जाते हैं।
शास्त्रों के अनुसार, गाय को भोजन कराने से पितरों की आत्मा तृप्त होती है। श्राद्ध और तर्पण कर्म में भी गाय का महत्वपूर्ण स्थान है। वैज्ञानिक दृष्टि से भी गाय के पास बैठने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इन्हीं लाभों के कारण हिंदू धर्म में पहली रोटी गाय को दी जाती है।
आपको बता दें कि हिंदू धर्म में गाय को पवित्र माना जाता है और उसकी पूजा की जाती है। गाय से प्राप्त पाँच पदार्थ (दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर) जिन्हें 'पंचगव्य' कहा जाता है, धार्मिक अनुष्ठानों और आयुर्वेदिक उपचारों में उपयोग किए जाते हैं।