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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पाकिस्तान ने आखिरकार अपनी लंबी चुप्पी तोड़ते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान हुए नुकसान की सच्चाई स्वीकार कर ली है। पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया है कि भारत ने मात्र 36 घंटों में 80 ड्रोन से हमला किया था। इस हमले में रावलपिंडी स्थित महत्वपूर्ण नूर खान एयरबेस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और सैनिक भी घायल हुए।

36 घंटे में 80 ड्रोन : पाकिस्तान हिल गया

साल के अंत में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना ने आक्रामक रुख अपनाते हुए थोड़े ही समय में ड्रोन हमले किए। डार के बयान के अनुसार, "भारत ने 36 घंटों के भीतर पाकिस्तानी क्षेत्र में कम से कम 80 ड्रोन दागे।" हालांकि, अपनी गलती छिपाने के लिए डार ने दावा किया कि पाकिस्तानी सेना ने उनमें से 79 ड्रोन मार गिराए, लेकिन एक ड्रोन सैन्य शिविर से टकरा गया।

नूर खान एयरबेस पर हमला और सैनिक घायल

पहली बार इस्लामाबाद ने स्वीकार किया है कि 10 मई की सुबह रावलपिंडी के चकलाल स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 'नूर खान एयरबेस' को निशाना बनाया गया था। इस भारतीय ड्रोन हमले में एयरबेस के सैन्य ढांचे को नुकसान पहुंचा और वहां तैनात सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। इस घटना के बाद प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ को सैन्य और नागरिक नेतृत्व की तत्काल आपातकालीन बैठक बुलानी पड़ी। गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने सरगोधा, रफीक, जैकबबाद और मुरीदके समेत कुल 11 एयरबेस को निशाना बनाया था।

138 सैनिकों की मौत ? दार के झूठ का पर्दाफाश

इशाक डार भले ही नुकसान को कम करके बता रहे हों, लेकिन भारतीय सेना के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल के.जे.एस. ढिल्लों ने पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश कर दिया है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 14 अगस्त, 2025 को 'समा टीवी' की एक रिपोर्ट में ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए 138 सैनिकों को श्रद्धांजलि देने का जिक्र किया गया था। यह आंकड़ा स्पष्ट करता है कि भारत का हमला कितना घातक था।

परमाणु हमले का डर : 30 से 45 सेकंड

जुलाई में, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने भी एक चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने कहा कि जब मिसाइल नूर खान एयरबेस की ओर बढ़ रही थी, तब पाकिस्तान के पास यह तय करने के लिए केवल 30 से 45 सेकंड का समय था कि मिसाइल में परमाणु हथियार हैं या नहीं। यह बयान दर्शाता है कि भारतीय कार्रवाई से पाकिस्तानी नेतृत्व कितना भयभीत था।