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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अमरीक सिंह रोड से वीर कॉलोनी तक डाली जा रही नई सीवरेज लाइन के निर्माण कार्य के दौरान मंगलवार को बड़ा हादसा होते-होते टल गया। खुदाई के समय लोहे की वस्तु के टकराने से ज़मीन के नीचे बिछी गैस पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई और तेज़ी से गैस का रिसाव शुरू हो गया। देखते ही देखते इलाके में गैस की तेज दुर्गंध फैल गई और लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए।

घटना की जानकारी मिलते ही सीवरेज बोर्ड और ठेकेदार की टीम ने तुरंत गुजरात गैस कंपनी से संपर्क किया और पाइपलाइन की गैस सप्लाई बंद करवाई। इसके बाद जेसीबी मशीन की मदद से खुदाई कर पाइपलाइन को बदलने का काम शुरू किया गया, जो देर शाम तक चलता रहा।

पहले भी हो चुकी हैं लापरवाही भरी घटनाएं
यह कोई पहली बार नहीं है जब इस तरह की लापरवाही से गैस लीक की घटना सामने आई हो। इससे पहले भी शहर के कई इलाकों में पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने से गैस रिसाव की घटनाएं हो चुकी हैं। जबकि गुजरात गैस कंपनी की ओर से ऐसे क्षेत्रों में चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए हैं, जहां ज़मीन के नीचे पाइपलाइनें बिछी हुई हैं।

इसके बावजूद नगर निगम और सीवरेज बोर्ड खुदाई से पहले तकनीकी विशेषज्ञों से कोई मार्गदर्शन नहीं लेते और न ही मज़दूरों को किसी प्रकार की सुरक्षा जानकारी दी जाती है। स्थानीय लोगों ने इस लापरवाही पर नाराज़गी जताई और कहा कि ये हादसा गंभीर रूप ले सकता था।

स्थानीयों की प्रशासन से सख़्त मांग
वीर कॉलोनी के निवासियों – केवल कृष्ण अग्रवाल, दविंदर गर्ग, तरसेम लाल और मनोहर लाल – ने इस घटना को सीवरेज बोर्ड की सीधी लापरवाही बताया। उनका कहना है कि जब क्षेत्र में पहले से गैस पाइपलाइन बिछी हो, तो किसी भी खुदाई से पहले तकनीकी जांच और गैस कंपनी से अनुमति लेना अनिवार्य होना चाहिए।

स्थानीयों ने यह भी मांग की है कि शहरभर में बिछी गैस पाइपलाइनों का ऑडिट कराया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि आगे किसी भी निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा से कोई समझौता न हो।

गनीमत रही कि आग नहीं लगी, वरना हो सकता था बड़ा हादसा।