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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि जब हम अपने स्थानीय उत्पादों को सम्मान देंगे, तभी ‘आत्मनिर्भर भारत’ का सपना हकीकत बन सकता है। यही सोच अब पूरे प्रदेश में स्वदेशी मेलों के रूप में जमीन पर उतर रही है।

योगी जी की प्रेरणा से प्रदेश के सभी जिलों में आयोजित ये स्वदेशी मेले न सिर्फ स्थानीय उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराते हैं, बल्कि ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को भी मजबूत बना रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्वदेशी मिशन को आगे बढ़ाते हुए, ये मेले दीपावली के मौके पर कारीगरों, हस्तशिल्पियों और उद्यमियों को आर्थिक और सामाजिक सम्मान दोनों प्रदान कर रहे हैं।

सीएम योगी का संदेश साफ है – स्वदेशी कोई अभियान नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की रूह है। उनकी नीति यह है कि हर उत्तर प्रदेशवासी अपने आसपास बने उत्पादों को अपनाए और राज्य को आर्थिक रूप से मजबूत और सांस्कृतिक रूप से गौरवान्वित बनाए। यह स्वदेशी मेले “स्वदेशी अपनाएं, उत्तर प्रदेश को सशक्त बनाएं” के नारे को हकीकत में बदल रहे हैं।

स्थानीय से वैश्विक तक – स्वदेशी उत्पादों का विस्तार

स्वदेशी मेले का मुख्य उद्देश्य है स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना और आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित करना। इन मेलों में कारीगरों और हस्तशिल्पियों को अपने उत्पाद सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँचाने का मौका मिलता है। उपभोक्ता भी देशी उत्पादों की गुणवत्ता और विविधता का अनुभव कर सकते हैं।

इस पहल से न केवल पारंपरिक कला और शिल्प को संरक्षण मिल रहा है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी बन रहे हैं। मेले उत्पादकों को सीधे खरीदारों से जोड़ते हैं, जिससे उनकी आमदनी बढ़ती है और युवा उद्यमियों को भी प्रेरणा मिलती है।

करोड़ों का व्यापार और रोजगार के अवसर

सीएम योगी की इस पहल से जनपद स्तर पर करोड़ों रुपए का व्यापार संभव है। हाल ही में यूपीआईटीएस में इसके प्रभाव देखने को मिले। इसके तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) को नया प्रोत्साहन मिलेगा। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार बढ़ेंगे, कारीगरों की आय में सुधार होगा और महिला उद्यमियों को नई पहचान मिलेगी। साथ ही, युवाओं में उद्यमशीलता को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण

स्वदेशी मेला सिर्फ व्यापार का मंच नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और कला का उत्सव भी है। इसमें हथकरघा, खादी, ग्रामोद्योग और मिट्टी की कला जैसे पारंपरिक क्षेत्रों को बढ़ावा दिया जा रहा है। लोकगीत, लोकनृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से सांस्कृतिक रंगत भी दिखाई जा रही है। मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर ये मेले आर्थिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक उत्सव के रूप में भी आयोजित किए जा रहे हैं।

उपभोक्ताओं के लिए विशेष लाभ

मेले में उपभोक्ताओं को भी लाभ मिलेगा। जीएसटी में विशेष छूट, दीपावली ऑफर और रियायतें उपलब्ध हैं। सीधे उत्पादक से खरीदारी करने का मौका मिलने से मूल्य में पारदर्शिता बनी रहती है। यह पहल प्रदेश की स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ ही लघु उद्योगों की निर्यात संभावनाओं को भी बढ़ाएगी।

विभागों की सक्रिय भागीदारी

इन मेलों में उद्योग विभाग, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड, माटी कला बोर्ड, हथकरघा विभाग, रेशम विभाग, ग्रामीण आजीविका मिशन, ओडीओपी और सीएम युवा एवं विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के लाभार्थी अपने उत्पाद प्रदर्शित कर रहे हैं। सभी प्रतिभागियों को निःशुल्क स्टॉल उपलब्ध कराए गए हैं।

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