टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने एथिक्स कमेटी पर पर्सनल और अभद्र सवाल पूछने के लगाए आरोप, विपक्षी सांसदों ने किया वॉकआउट

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(कैश फॉर क्वेरी मामला)

घूस लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोपों में घिरीं तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा गुरुवार को इस मामले में संसद की एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुई हैं।महुआ मोइत्रा आज सुबह 11 बजे पहुंची थीं और डेढ़ घंटे तक कमेटी के सामने अपनी बात रखी। महुआ मोइत्रा, दानिश अली और अन्य विपक्षी सांसद भड़कते हुए आज शाम करीब 3:30 बजे एथिक्स कमेटी के दफ्तर से बाहर निकले। जेडीयू के सांसद गिरिधारी यादव ने कहा कि, उन्होंने महुआ मोइत्रा से निजी सवाल पूछे। उन्हें निजी सवाल पूछने का अधिकार नहीं है, इसलिए हम बाहर चले गए। कांग्रेस सांसद उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा, पूरे सवालों से ऐसा लगता है कि संसदीय आचार समिति के अध्यक्ष किसी के इशारे पर काम कर रहे हैं। उत्तम कुमार रेड्डी कहा कि मोइत्रा से पैनल चीफ ने अनैतिक और अभद्र सवाल किए। अब ये कौन से सवाल थे, इसे लेकर कोई जवाब नहीं दिया गया है। दानिश अली बोले- चेयरमैन पूछ रहे हैं कि रात में किससे बात करती हैं, क्या बात करती हैं। ये कैसी एथिक्स कमेटी है, जो अनैतिक सवाल पूछ रही है। 

विपक्षी सदस्यों, टीएमसी सांसद महुआ के हंगामे के बाद भी एथिक्स कमेटी ने विचार-विमर्श जारी रखा। वहीं एथिक्स पैनल की सदस्य अपराजिता सारंगी बोलीं- जब दर्शन के हलफनामे के बारे में पूछा गया तो टीएमसी सांसद महुआ ने गुस्से में और अहंकारपूर्ण व्यवहार किया। बता दें कि पिछले कई दिनों से टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा कैश फॉर क्वेरी मामले में फंसी हुई हैं। बता दें कि बिहार से भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछे। उन्होंने ये आरोप सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई की शिकायत के आधार पर लगाए हैं। निशिकांत दुबे की शिकायत के बाद लोकसभा स्पीकर ने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले को एथिक्स कमेटी के पास भेजा था। इस हाई प्रोफाइल मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी को गृह, सूचना प्रौद्योगिकी और विदेश मंत्रालय से खास मदद मिली है। कई ऐसे इनपुट हैं जो कमेटी को इन्हीं तीन मंत्रालयों द्वारा उपलब्ध करवाए गए हैं। 

टीएमसी सांसद के लिए चिंता की बात ये है कि दर्शन द्वारा ये स्वीकार कर लिया गया है कि उन्होंने महुआ मोइत्रा के संसदीय लॉगिन पर प्रश्न पोस्ट किया था। अगर जांच के बाद ये आरोप सिद्ध हो जाता है तो उस स्थिति में महुआ मोइत्रा को सस्पेंड भी किया जा सकता है। इससे पहले खबर आई थी कि महुआ ने एथिक्स कमेटी के सामने खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने कहा कि वकील जय अनंत देहाद्राई से निजी रिश्तों में खटास के कारण यह विवाद खड़ा हुआ है।

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