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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : राज्य सरकार ने बिहार के 250 मीटर से अधिक लंबे 85 पुलों का विस्तृत स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का निर्णय लिया है। शुक्रवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में लिए गए इस फैसले के अनुसार, इस ऑडिट प्रक्रिया को पूरा करने में कम से कम दो वर्ष का समय लगेगा। ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद ही पुलों के मेंटेनेंस कार्यों को शुरू किया जा सकेगा।

दिल्ली व पटना आईआईटी करेंगे निगरानी

कैबिनेट के निर्णय के मुताबिक दिल्ली और पटना आईआईटी के निर्देशन में यह ऑडिट प्रक्रिया संचालित की जाएगी। इसके लिए बिहार राज्य पुल निर्माण निगम दोनों आईआईटी संस्थानों के साथ अलग-अलग करार करेगा। दोनों संस्थान अलग-अलग पुलों के स्ट्रक्चरल ऑडिट की जिम्मेदारी संभालेंगे।

16.61 करोड़ रुपये की लागत से होगा काम

सरकार ने ऑडिट के लिए कंसलटेंसी की लागत 16 करोड़, 61 लाख रुपये निर्धारित की है। यह कार्य नामांकन के तहत किया जाएगा, जिसके लिए प्रशासनिक स्वीकृति भी दे दी गई है। दोनों आईआईटी संस्थान यह तय करेंगे कि ऑडिट प्रक्रिया के लिए वे किस संस्था की सेवाएं लेंगे।

उत्तर बिहार और सीमांचल पर अधिक फोकस

स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए चयनित पुलों में से अधिकतर उत्तर बिहार और सीमांचल क्षेत्र में स्थित हैं। इन क्षेत्रों में मानसून के दौरान अक्सर बाढ़ जैसी स्थिति बनी रहती है, जिससे ऑडिट कार्य में कुछ कठिनाइयां भी सामने आ सकती हैं।

तकनीकी और सुरक्षा मानकों की जांच होगी

ऑडिट के दौरान पुलों के कई तकनीकी पहलुओं जैसे लोड क्षमता, पीयर, सुपर स्ट्रक्चर आदि की गहन जांच की जाएगी। इसके लिए आधुनिक मशीनों और तकनीकी उपकरणों का प्रयोग किया जाएगा। वर्तमान में राज्य के पथ निर्माण विभाग की सड़कों पर कुल 3968 पुल हैं, जिनमें 532 वृहद पुल हैं। आगामी समय में शेष बड़े पुलों के स्ट्रक्चरल ऑडिट का निर्णय भी लिया जाएगा।