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पाकिस्तान के 'जियो न्यूज' की एक रिपोर्ट के अनुसार, 179 लोग ऐसे भी हैं जो इस त्रासदी में घायल हुए हैं, और कई घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जिन प्रांतों में सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है, उनमें सिंध (Sindh), पंजाब (Punjab), खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) और बलूचिस्तान (Balochistan) प्रमुख हैं। इन क्षेत्रों में भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है।
सबसे अधिक मौतें खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में दर्ज की गई हैं, जहाँ 90 से अधिक लोग मारे गए, जबकि पंजाब प्रांत में 68 मौतें हुईं। भारी बारिश के कारण कच्चे घर ढहने, छत गिरने, अचानक बाढ़ आने और बिजली के झटके लगने से मौतें हुई हैं। इन प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में सरकार को भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग ने आगे भी पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश की आशंका जताई है, जिससे स्थिति और बिगड़ने का डर है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है और बचाव व राहत कार्यों में तेज़ी लाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, जिस बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है और पीड़ितों की संख्या बढ़ रही है, उससे देश के मानवीय संकट में डूबने का खतरा बढ़ रहा है। सरकार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और स्थानीय प्रशासन मिलकर हालातों पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लगातार बारिश का अलर्ट और बढ़ती चुनौतियां उनके सामने पहाड़ बनकर खड़ी हैं।
 
                     
                      
                                         
                                 
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