
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड को 'देवभूमि' कहा जाता है, और यह देश ही नहीं, पूरी दुनिया में अपने धार्मिक महत्व के कारण प्रसिद्ध है। यहां चारधाम – केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री – जैसे तीर्थ स्थल मौजूद हैं, जिनके दर्शन के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। हरिद्वार की हर की पौड़ी, ऋषिकेश का आध्यात्मिक वातावरण और गंगा का उद्गम स्थल भी यहीं स्थित है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उत्तराखंड में एक ऐसा भी गांव है, जो न केवल धार्मिक रूप से विशेष है, बल्कि महाभारत काल से भी इसका गहरा संबंध है?
यह गांव है माणा, जिसे भारत का पहला गांव भी कहा जाता है। इसकी खासियत केवल इसकी भौगोलिक स्थिति या सुंदरता नहीं है, बल्कि इसके पीछे छुपी पौराणिक कथाएं और इतिहास भी इसे अद्वितीय बनाते हैं।
कहां स्थित है माणा गांव?
माणा गांव उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है, जो समुद्र तल से लगभग 3,219 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ है। यह गांव भारत की सीमा से सटे तिब्बत (अब चीन) से सिर्फ 26 किलोमीटर की दूरी पर है। राष्ट्रीय राजमार्ग 7 यहीं से होकर गुजरता है। इस गांव के पास सरस्वती नदी बहती है, और मान्यता है कि यहीं अलकनंदा और सरस्वती का संगम होता है।
माणा और महाभारत का संबंध
माणा गांव में एक पौराणिक स्थान है जिसे व्यास गुफा कहा जाता है। मान्यता है कि इस गुफा में महर्षि वेदव्यास ने भगवान गणेश को महाभारत सुनाई थी, जिसे गणेश जी ने लिपिबद्ध किया। इस स्थान को व्यास पोथी भी कहा जाता है। बद्रीनाथ मंदिर से यह गुफा मात्र 3 किलोमीटर दूर है, और यहां आकर लोगों को धर्म और इतिहास दोनों की झलक मिलती है।
सरस्वती नदी को क्यों मिला श्राप?
एक रोचक कथा के अनुसार जब भगवान गणेश महाभारत की रचना कर रहे थे, तब सरस्वती नदी के तेज प्रवाह और शोर से वे परेशान हो गए। उन्होंने देवी सरस्वती से अनुरोध किया कि वह अपने जल प्रवाह को थोड़ा धीमा करें, लेकिन देवी ने उनकी बात नहीं मानी। इससे नाराज होकर गणेश जी ने उन्हें श्राप दे दिया कि वे अपने उद्गम स्थल पर ही अदृश्य हो जाएंगी और पाताल लोक में प्रवेश करेंगी। आज भी यह कहा जाता है कि सरस्वती नदी माणा गांव से ही पाताल में चली जाती है और रहस्यमयी रूप से प्रयागराज में गंगा-यमुना के संगम में पुनः प्रकट होती है।
माणा गांव: एक आध्यात्मिक और ऐतिहासिक धरोहर
माणा न केवल भारत का पहला गांव कहा जाता है, बल्कि यह उन गिने-चुने स्थानों में से है जहां पौराणिक कथा, प्रकृति और संस्कृति का गहरा संगम देखने को मिलता है। यह जगह इतिहास प्रेमियों, अध्यात्म के खोजियों और रोमांच चाहने वालों के लिए किसी खजाने से कम नहीं।