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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : गंगा नदी में जलस्तर बढ़ने के चलते सुरक्षा के लिहाज से कई जगहों पर पीपा पुलों को हटा दिया गया है। अब लोगों की सुविधा और सुरक्षित आवागमन को ध्यान में रखते हुए आधुनिक तकनीक से लैस विशेष पानटून (जहाज नुमा पुल) का इस्तेमाल किया जाएगा।

दानापुर के नासरीगंज घाट पर गंगा नदी में 'एमपी गंगा वन' नाम के मेन पानटून का सफल ट्रायल किया गया है। यह सुविधा जल्द ही पटना से सारण के पानापुर घाट तक शुरू की जाएगी। इसका सबसे अधिक लाभ आम नागरिकों, रोजाना यात्रा करने वालों, किसानों और छोटे व्यापारियों को मिलेगा।

इस ट्रायल में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) के अधिकारी और अन्य लोग शामिल हुए। उन्होंने अपने वाहनों के साथ इस पानटून पर चढ़कर गंगा को पार किया। गंगा की तेज बहाव के बीच इस जहाज की सवारी लोगों के लिए एक सुरक्षित और रोमांचक अनुभव रहा।

आईडब्लूएआई के निदेशक अरविंद कुमार के मुताबिक, गंगा की लगभग ढाई किलोमीटर दूरी को पार करने में 40 मिनट और वापस लौटने में करीब 10 मिनट का समय लगा। यह सेवा हर साल जून से अक्टूबर तक उपलब्ध रहेगी।

राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है कि इस पानटून सेवा का संचालन पूरी तरह सुरक्षित ढंग से किया जाए। खास बात यह है कि इस विशेष जहाज पर एक बार में 250 लोग और करीब 25 छोटे-बड़े वाहन सवार हो सकते हैं। संचालन के लिए मानव बल और ईंधन की व्यवस्था भी आईडब्लूएआई की ओर से राज्य सरकार को मुफ्त में दी जाएगी।

इस पानटून को आरा के महुली घाट से लाकर दानापुर में ट्रायल के लिए लाया गया। गंगा के चार अन्य घाटों - नासरीगंज, चकोसन (बिदुपुर-महनार), और कच्ची दरगाह के दो घाटों पर भी इसी तरह की सेवा शुरू करने की योजना है।

आईडब्लूएआई ने बताया कि जब कच्ची दरगाह में नया सिक्स लेन पुल चालू हो जाएगा, तब फतुहा के ग्यासपुर और सारण के कालू घाट पर भी यह सेवा आम लोगों के लिए शुरू की जा सकती है।

जहां पहले जहाजों को पीपा पुल पार करने में दो दिन लग जाते थे, वहीं अब यह आधुनिक पानटून महज आधे घंटे में खोला और जोड़ा जा सकता है, जिससे जहाजों की आवाजाही आसान और तेज हो जाएगी।