
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : हिंदू धर्म में नवरात्रि का पावन पर्व बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। नौ दिनों तक चलने वाला यह पर्व देवी दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की आराधना का विशेष समय होता है। भक्त इन नौ दिनों तक व्रत रखते हैं, कलश स्थापना करते हैं और माता की आराधना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। हालाँकि, शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि के इन नौ दिनों में की गई कुछ छोटी-छोटी गलतियाँ आपकी भक्ति का पूरा फल नहीं दे पातीं। हर भक्त के लिए इन गलतियों से बचना ज़रूरी है।
नवरात्रि पूजा के दौरान न करें ये गलतियां!
पूजा और अनुष्ठान से संबंधित गलतियाँ
अधूरा संकल्प: नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ ही नौ दिनों तक व्रत रखने का संकल्प लिया जाता है। अगर आप व्रत कर रहे हैं, तो संकल्प अवश्य लें। बिना संकल्प के व्रत अधूरा माना जाता है।
देवी दुर्गा को तुलसी न चढ़ाएं: देवी दुर्गा की पूजा में तुलसी का प्रयोग कभी नहीं किया जाता है। उन्हें तुलसी चढ़ाने से आपकी पूजा का फल नष्ट हो सकता है।
अखंड ज्योत का नियम: अगर आपने घर में अखंड ज्योत जलाई है, तो ध्यान रखें कि उसे नौ दिनों तक बुझने न दें। घर को बंद न रखें और हमेशा घी या तेल खत्म होने से पहले ही उसमें डाल दें।
दुर्गा सप्तशती का पाठ: नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बहुत महत्वपूर्ण है। पाठ करते समय, इसका सही उच्चारण करें और बिना रुके पाठ पूरा करें। यदि आप बीच में रुक जाते हैं, तो पाठ अधूरा माना जाता है।
देवी की मूर्ति या चित्र का उचित स्थान: देवी दुर्गा की मूर्ति या चित्र को पूजा कक्ष में उचित स्थान पर रखें। इसे कभी भी फर्श पर या गंदी जगह पर न रखें।
उपवास और आहार-विहार में गलतियाँ
सात्विक भोजन का महत्व: नवरात्रि के दौरान केवल सात्विक भोजन ही खाना चाहिए। लहसुन, प्याज, मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन सख्त वर्जित है। अगर आप व्रत नहीं भी कर रहे हैं तो भी इन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
उपवास के नियम: यदि आप उपवास कर रहे हैं, तो केवल फल, सेंधा नमक और करेले से बने खाद्य पदार्थ ही खाएँ। साधारण नमक का प्रयोग न करें।
चमड़े का उपयोग करने से बचें: नौ दिनों तक चमड़े की किसी भी वस्तु, जैसे बेल्ट, पर्स या जूते का उपयोग करने से बचें।
अन्य महत्वपूर्ण बातें
नवरात्रि शुरू होने से पहले अपने घर की अच्छी तरह सफाई कर लें। घर में गंदगी नकारात्मकता लाती है।
नवरात्रि के दौरान काले कपड़े पहनने से बचें। इसे शोक का प्रतीक माना जाता है और पूजा के दौरान यह शुभ नहीं होता।
क्रोध और नकारात्मक विचार: इन नौ दिनों में क्रोध, ईर्ष्या और नकारात्मक विचारों से बचें। देवी माँ की भक्ति में डूब जाएँ और अपने मन को शांत रखें।
नाखून और बाल: व्रत के दौरान बाल और नाखून न कटवाएं। इसे अशुभ माना जाता है।
दिन में सोना: जो लोग उपवास कर रहे हैं उन्हें दिन में सोने से बचना चाहिए।