Prabhat Vaibhav,Digital Desk : नई दिल्ली में आयोजित भव्य कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई चेतना अभियान 4.0 की शुरुआत की। इसका सीधा प्रसारण जिला जीविका कार्यालय में दिखाया गया, जहां जिला परियोजना प्रबंधक समेत सभी कर्मी और बुक कीपर मौजूद रहे।
यह राष्ट्रीय स्तर पर चलाया जाने वाला अभियान, आजीविका मिशन की वह पहल है जिसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकना, लैंगिक समानता को बढ़ावा देना और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के अवसर तैयार करना है। इस अभियान को महिला एवं बाल विकास, पंचायती राज, युवा मामले और खेल मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण, गृह मंत्रालय, न्याय विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग समेत कई मंत्रालय मिलकर आगे बढ़ा रहे हैं।
कार्यक्रम के दौरान देश भर से आई महिलाओं ने अपनी संघर्ष और सफलता की कहानियाँ बांटीं। बिहार के दरभंगा जिले की पूनम कुमारी, जो हायाघाट प्रखंड के दीदी अधिकार केंद्र की जेंडर समन्वयक हैं, ने भी अपनी यात्रा साझा की। उन्होंने बताया कि बचपन से शुरू हुए संघर्ष में जीविका ने हमेशा उनका साथ दिया और उन्हें आगे बढ़ने का साहस दिया।
कार्यक्रम समाप्त होने के बाद जिला परियोजना प्रबंधक अभिनव प्रिय ने कहा कि नई चेतना अभियान 4.0 का मकसद आजीविका के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना है। उनका मानना है कि जब महिलाएँ आर्थिक रूप से मजबूत होंगी, तो देश की प्रगति भी तेज होगी। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं और पुरुषों दोनों की भूमिका समान है, लेकिन सामाजिक बाधाओं के कारण महिलाएँ पीछे रह जाती हैं। यह अभियान उन बाधाओं को तोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
उन्होंने यह भी बताया कि यह अभियान महिलाओं के प्रति हिंसा उन्मूलन के अंतरराष्ट्रीय दिवस से शुरू होकर 23 दिसंबर 2025, अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस तक चलेगा।
सामाजिक विकास प्रबंधक ओसामा हसन ने बताया कि चार सप्ताह तक चलने वाले इस अभियान में हर सप्ताह अलग थीम पर जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम होंगे।
पहले सप्ताह में—महिलाओं की आर्थिक भूमिका पर जागरूकता
दूसरे सप्ताह में—संसाधनों तक समान पहुंच
तीसरे सप्ताह में—महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा
चौथे सप्ताह में—घरेलू और देखभाल कार्य में समानता पर ध्यान दिया जाएगा
इन सभी गतिविधियों को एकुअल ऐप में बुक कीपर और जेंडर समन्वयक द्वारा दर्ज किया जाएगा।
कार्यक्रम का लाइव प्रसारण जिला और प्रखंड कार्यालयों, संकुल संघों, दीदी अधिकार केंद्रों और ग्राम संगठनों में भी दिखाया गया, जहां स्थानीय नेता और जेंडर समन्वयक उपस्थित रहे।




