
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : प्रयागराज की सड़कों पर आए दिन लगने वाले जाम से राहत दिलाने के लिए नगर निगम ने नई पहल शुरू की है। शहर की 19 प्रमुख सड़कों के किनारे दो और चार पहिया वाहनों के लिए निर्धारित पार्किंग स्थल बनाए जाएंगे। इन पार्किंग स्थलों का संचालन ठेके पर दिया जाएगा। निगम का लक्ष्य है कि अगले दो से तीन महीनों में टेंडर प्रक्रिया पूरी कर दी जाए।
मंगलवार को नगर निगम मुख्यालय में हुई बैठक में नगर आयुक्त साईं तेजा ने अधिकारियों और यातायात विभाग के साथ मिलकर रणनीति तैयार की। इसमें सिविल लाइंस, कटरा, जानसेनगंज, तेलियरगंज, कचहरी जैसे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में पार्किंग की जगह तय करने पर सहमति बनी।
ट्रैफिक और नगर निगम की टीम अगले 20–25 दिनों में संयुक्त सर्वे कर रिपोर्ट पेश करेगी। शुरुआत में एमजी रोड, ड्रमंड रोड, सरदार पटेल मार्ग, पीडी टंडन मार्ग, थार्नहिल रोड, स्वरूपरानी मार्ग और सेंट जोसेफ स्कूल रोड सहित 19 स्थानों का सर्वे कराया जाएगा।
नगर आयुक्त ने अधिकारियों को नो-ट्रैफिक जोन की सूची तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं। वहीं अपर नगर आयुक्त दीपेंद्र यादव और अरविंद राय का कहना है कि जहां भीड़भाड़ ज्यादा है, वहां पार्किंग स्थलों को चिन्हित कर ठेके पर दिया जाएगा। इससे ट्रैफिक जाम ही नहीं, बल्कि वाहन चोरी की घटनाओं पर भी रोक लगेगी।
पार्किंग दरें तय
दो पहिया वाहन – 1 घंटा: ₹7, 2 घंटे: ₹15, 24 घंटे: ₹57, मासिक: ₹855
चार पहिया वाहन – 1 घंटा: ₹15, 2 घंटे: ₹30, 24 घंटे: ₹120, मासिक: ₹1800
क्या कहते हैं लोग?
नगर आयुक्त साईं तेजा का मानना है कि पार्किंग से निगम की आय बढ़ेगी और जाम की समस्या कम होगी। लेकिन कुछ पार्षदों ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि ठेका प्रथा से दबंगई और विवाद बढ़ सकते हैं। उनका सुझाव है कि सड़कों के किनारे नहीं, बल्कि खाली जमीन पर पार्किंग व्यवस्था की जानी चाहिए।
फिलहाल, शहर में कई जगहों पर अवैध पार्किंग वसूली पहले से ही हो रही है। तीन साल पहले निगम ने पार्किंग शुल्क बंद कर दिया था, लेकिन आजाद पार्क, एमजी रोड और सिविल लाइंस जैसे क्षेत्रों में अब भी वाहन चालकों से अवैध रूप से पैसे वसूले जाते हैं।
नई पार्किंग नीति लागू होने के बाद क्या सच में जाम से राहत मिलेगी, यह आने वाले समय में साफ हो जाएगा।