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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : सड़क सुरक्षा बढ़ाने और बढ़ती मार्ग दुर्घटनाओं को रोकने के लिए परिवहन विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। अब ड्राइविंग लाइसेंस केवल उन चालकों को मिलेगा, जो पूरी तरह कुशल साबित हों। इसके लिए आईटीआई मैदान परिसर में स्थित ड्राइवर ट्रेनिंग-टेस्टिंग इंस्टीट्यूट (DTI) में नए वाहन चालकों की दक्षता को परखने के लिए आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक तैयार किया गया है।

इस ट्रैक पर 19 हाई-टेक कैमरे और सेंसर लगाए गए हैं, जो चालक की हर गतिविधि को रिकॉर्ड करेंगे और उनकी ड्राइविंग क्षमता का आंकलन करेंगे। अब तक बिना पर्याप्त प्रशिक्षण और सिफारिश के बने ड्राइविंग लाइसेंस कई दुर्घटनाओं की वजह बनते थे। नए सिस्टम के जरिए यह खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा।

ट्रैक पर लगे 360 डिग्री घूमने वाले कैमरे और नीचे लगे सेंसर वाहन चालकों की गतिविधियों को रिकॉर्ड कर कंट्रोल रूम को भेजेंगे। ये डेटा सीधे एआई (Artificial Intelligence) सिस्टम में जाएगा, जो चालक की दक्षता का मूल्यांकन करेगा। केवल वही उम्मीदवार लाइसेंस पाने में सफल होंगे, जो परीक्षण में उत्तीर्ण होंगे।

आंकड़ों पर एक नजर

विवरणसंख्या
जनवरी 2025 तक हुई मार्ग दुर्घटनाएँ444
इन दुर्घटनाओं में हुई मौतें248
घायल हुए लोग370
जनवरी 2024 तक हुई मार्ग दुर्घटनाएँ394
इन दुर्घटनाओं में हुई मौतें233
घायल हुए लोग294
पिछले वर्ष से बढ़ोतरी+50 दुर्घटनाएँ, +15 मौतें, +76 घायल
प्रतिदिन बनते ड्राइविंग लाइसेंस50

नए आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक से अब चालक की हर गतिविधि रिकार्ड होगी। एआई सिस्टम यह सुनिश्चित करेगा कि केवल योग्य और प्रशिक्षित चालक ही सड़क पर वाहन चलाएं। इससे न केवल सड़क सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।

राजेश मौर्य, संभागीय परिवहन अधिकारी