
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : प्रदूषण के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए दिल्ली सरकार ने वाहन चालकों के लिए नया सख्त नियम लागू किया है। अब 1 जुलाई से राजधानी में पुराने वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा। इस फैसले की घोषणा एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) ने की है। 1 जुलाई से 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं मिलेगा।
आयोग का कहना है कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में यह कदम महत्वपूर्ण है। अब पेट्रोल पंपों पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरे लगाए जाएंगे, जो वाहनों की उम्र की पहचान करेंगे और तय मानकों से अधिक पुराने वाहनों को ईंधन मिलने से रोकेंगे।
उल्लंघन पर वाहन जब्त, कार्रवाई तय
उल्लंघन करने वालों पर मोटर वाहन अधिनियम 1989 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा और संबंधित वाहन को जब्त भी किया जा सकता है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पुराने डीजल-पेट्रोल वाहनों पर रोक लगाने के लिए 2018 तक की समयसीमा तय की थी। 2014 में एनजीटी ने भी सार्वजनिक स्थानों पर ऐसे वाहनों की पार्किंग पर रोक लगा दी थी।
सरकार का मानना है कि दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए यह एक ज़रूरी कदम है। ऐसे उपायों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, खासकर सर्दियों के मौसम में जब प्रदूषण का स्तर ख़तरनाक हो जाता है।
सीएक्यूएम के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली के 500 पेट्रोल पंपों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) कैमरे लगाए गए हैं। इनकी मदद से अब तक 3.63 करोड़ वाहनों की जांच की जा चुकी है, जिनमें से करीब 5 लाख वाहन नियमों का उल्लंघन करते पाए गए हैं। 29.52 लाख वाहन मालिकों ने अपने प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) का नवीनीकरण करवाया है, जिसके चलते 168 करोड़ रुपये के चालान भी काटे गए हैं।
यह नियम एनसीआर के बाकी हिस्सों में कब लागू होगा?
दिल्ली की तरह इसके आसपास के शहरों में भी यह नियम लागू होगा। गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और सोनीपत में यह नियम 1 नवंबर 2025 से और एनसीआर के अन्य हिस्सों में अप्रैल 2026 से लागू होगा।
कैमरों के अलावा इस तरह से भी होगी निगरानी
दिल्ली परिवहन विभाग ने इस नियम को सख्ती से लागू करने के लिए 100 विशेष टीमें तैनात की हैं। यह टीम उन पेट्रोल पंपों की पहचान करेगी, जहां सबसे ज्यादा गैर-अनुपालन करने वाले वाहन ईंधन भरने आते हैं। नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए इस टीम द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा की निगरानी की जाएगी।