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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता पर विपक्ष के सवालों का जवाब दिया, जिसमें उनसे पूछा गया था कि अगर भारत अच्छी स्थिति में था तो उसने पाकिस्तान से युद्ध क्यों नहीं लड़ा। अमित शाह ने कहा, "युद्ध के कई परिणाम होते हैं। युद्ध सावधानी से लड़ा जाना चाहिए।" उन्होंने 1948 के युद्ध में जवाहरलाल नेहरू द्वारा घोषित एकतरफा युद्धविराम को पीओके के अस्तित्व का दोषी ठहराया और कहा कि इतिहास के छात्र होने के नाते वह यह सब जानते हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' का विवरण देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान में 100 किलोमीटर अंदर घुसकर 9 आतंकी ठिकानों और 100 से ज़्यादा आतंकवादियों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। उन्होंने सिंधु जल संधि, 1965 में हाजी पीर की वापसी और 1971 में शिमला समझौते में पीओके की मांग न करने को लेकर भी कांग्रेस पर हमला बोला। शाह ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान ने भारतीय हमलों को खुद पर हमला समझने की भूल की थी और उसकी सेना द्वारा आतंकवादियों का जनाजा निकालना उसके 'राज्य प्रायोजित आतंकवाद' का पर्दाफाश करता है। भारत ने 11 पाकिस्तानी एयरबेसों को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिनमें से 8 को गंभीर क्षति पहुंची, जबकि भारत को कोई सैन्य क्षति नहीं हुई।

युद्ध क्यों नहीं लड़ा गया ? इतिहास के संदर्भ में उत्तर दीजिए।

विपक्ष द्वारा उठाए गए सवाल, "अगर हम अच्छी स्थिति में थे, तो युद्ध क्यों नहीं लड़ा?" के जवाब में, अमित शाह ने कहा, "युद्ध के कई परिणाम होते हैं। युद्ध सावधानी से लड़ा जाना चाहिए।" उन्होंने कांग्रेस को 1948 के युद्ध की याद दिलाई, जब युद्ध अपने निर्णायक दौर में था। शाह ने कहा, "जवाहरलाल नेहरू ने एकतरफा युद्धविराम की घोषणा की थी। इसी युद्धविराम की वजह से पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) अस्तित्व में है। इसके लिए जवाहरलाल नेहरू ज़िम्मेदार हैं। मैं इतिहास का छात्र हूँ, मुझे पता है कि क्या हुआ था।"

कांग्रेस पिछली नीतियों को लेकर घिरी हुई है

अमित शाह ने कांग्रेस की कुछ पुरानी नीतियों को लेकर भी उसे आड़े हाथों लिया। उन्होंने कांग्रेस को सिंधु जल संधि के उस फैसले की याद दिलाई, जिसमें 80% पानी पाकिस्तान को दे दिया गया था। उन्होंने कांग्रेस पर 1965 में जीती हुई हाजी पीर को पाकिस्तान को लौटाने और 1971 में जीत के बाद भी शिमला समझौते में पीओके की मांग न करने के लिए भी हमला बोला।

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान पर इसका प्रभाव

'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता पर ज़ोर देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान में 100 किलोमीटर अंदर घुसकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने 9 आतंकी ठिकानों और 100 से ज़्यादा आतंकवादियों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। इस हमले में किसी भी नागरिक की मौत नहीं हुई, सिर्फ़ आतंकवादी मारे गए।

अमित शाह ने भारतीय सेना द्वारा निशाना बनाए गए आतंकवादी ठिकानों की सूची दी:

  • बहावलपुर में मरकज़ सुभानल्लाह
  • Muridke में Markaz Tayyiba
  • महमून ज़ोया कैंप
  • सियालकोट में सर्जिकल शिविर
  • मुजफ्फराबाद में सवाई नाला और सैयदना बिलाल कैंप
  • कोटली में गुलपुर और अब्बास कैंप
  • बरनाला कैंप भीमबेर

पाकिस्तान की गलतियाँ और ' राज्य प्रायोजित आतंकवाद ' उजागर

अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान ने खुद गलतियाँ कीं। भारत ने आतंकवादियों पर हमला किया, लेकिन पाकिस्तान इसे खुद पर हमला मानता था। उन्होंने कहा, "पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादियों का जनाज़ा निकाला, लेकिन वे भूल गए कि पूरी दुनिया यह सब देखेगी।" शाह ने ज़ोर देकर कहा कि पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने खुद को आतंकवाद का शिकार बताता है, लेकिन 'ऑपरेशन सिंदूर' से पता चला कि वहाँ 'राज्य प्रायोजित आतंकवाद' है।

भारत को नुकसान और पाकिस्तान के एयरबेस का विनाश

अमित शाह ने लोकसभा को इस संघर्ष में भारत को हुए नुकसान की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य चौकियों पर हमला किया था, लेकिन किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ। हालाँकि, पाकिस्तानी हमलों में एक गुरुद्वारा और एक मंदिर नष्ट हो गए और कुछ नागरिक घायल हुए। गृह मंत्री ने सदन को बताया कि भारत ने पाकिस्तान के 11 हवाई ठिकानों को नष्ट कर दिया, जिनमें से 8 हवाई ठिकानों को सबसे ज़्यादा नुकसान पहुँचा है।