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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : सत्ताधारी महायुति गठबंधन ने महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनाव जीत लिए हैं। हालांकि, इन परिणामों के बाद विपक्षी दलों ने हार स्वीकार करने के बजाय चुनाव आयोग और सत्ता के दुरुपयोग पर सवाल उठाए हैं। रविवार को परिणाम घोषित होने के बाद कांग्रेस और उद्धव ठाकरे गुट (शिव सेना यूबीटी) ने व्यंग्य करते हुए कहा कि सत्ताधारी दल को जीत दिलाने के लिए चुनाव आयोग बधाई का पात्र है।

महाराष्ट्र में नगर परिषद और नगर परिषद चुनावों के परिणाम रविवार, 21 दिसंबर को घोषित किए गए। इनमें भाजपा और एकनाथ शिंदे के गठबंधन ने जीत हासिल की है। हालांकि, परिणाम घोषित होने के बाद विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने अपनी हार के लिए सत्ताधारी पार्टी की रणनीति और सरकारी तंत्र के दुरुपयोग को जिम्मेदार ठहराया है।

कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर कटाक्ष किया

चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस ने राज्य चुनाव आयोग की भूमिका पर उंगली उठाई है। प्रदेश कांग्रेस नेता हर्षवर्धन सपकाल ने सभी विजयी उम्मीदवारों को बधाई दी, लेकिन साथ ही तीखी टिप्पणी भी की। उन्होंने कहा, "राज्य चुनाव आयोग को भी विशेष बधाई दी जानी चाहिए, जिसने सत्ताधारी पार्टी महायुति को जीत दिलाने में मदद की।" उनका इशारा स्पष्ट था कि चुनाव निष्पक्ष तरीके से नहीं कराए गए।

'धन और शक्ति के बल पर विजय प्राप्त की गई'

दूसरी ओर, उद्धव ठाकरे गुट के नेता अंबदास दानवे ने सत्ताधारी दल पर तीखा हमला बोला। छत्रपति संभाजीनगर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने दावा किया कि महायुति की जीत लोकतंत्र की जीत नहीं, बल्कि 'धनबल' और 'बाहुबल' का नतीजा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ताधारी दलों ने जीत हासिल करने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए।

आगामी चुनावों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। 

क्या इस हार का असर अगले महीने होने वाले नगर निगम चुनावों पर पड़ेगा? इस सवाल के जवाब में अंबदास दानवे नानायो चुप रहे। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इन नतीजों का आगामी 29 नगर निगम चुनावों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि ग्रामीण और शहरी मतदाताओं की सोच अलग-अलग होती है और वहाँ के मुद्दे भी अलग होते हैं।

नागपुर में विवाद और पुनर्गणना 

नागपुर जिले के कमाठी क्षेत्र में भी चुनाव के दौरान विवाद खड़ा हो गया। यहां भाजपा उम्मीदवार अजय अग्रवाल को मात्र 116 वोटों के अंतर से नगर परिषद चुनाव का विजेता घोषित किया गया। कांग्रेस उम्मीदवार शकूर नागानी ने इस परिणाम पर आपत्ति जताई, जिसके चलते प्रशासन को रविवार को वोटों की दोबारा गिनती करानी पड़ी।