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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को अपनी दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर ब्रिटेन पहुँचे। इस दौरान पीएम मोदी की मौजूदगी में भारत और ब्रिटेन के बीच एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने हैं। इससे पहले, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भारत के साथ एफटीए के लाभों को दोनों देशों को देने पर ज़ोर दिया था। उन्होंने इसे एक बड़ी जीत बताते हुए कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) एक ऐतिहासिक समझौता है, जो नौकरियों और विकास के लिहाज़ से ब्रिटेन के लिए एक बड़ी जीत है।

स्टार्मर ने समझौते के बारे में क्या कहा?

स्टारमर ने कहा कि भारत के साथ इस समझौते से कपड़े, जूते और खाने-पीने की चीज़ों की कीमतें कम होंगी, जिससे आम ब्रिटिश परिवारों को राहत मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान, दोनों नेता गुरुवार को चेकर्स स्थित ब्रिटिश प्रधानमंत्री आवास पर मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात से पहले, स्टारमर ने यह भी घोषणा की कि लगभग 6 अरब पाउंड के नए निवेश और निर्यात सौदों को अंतिम रूप दिया गया है।

उन्होंने कहा कि इससे ब्रिटेन में भारतीय कंपनियों का विस्तार होगा और ब्रिटिश कंपनियों को भारत में व्यापार के नए अवसर मिल रहे हैं। कीर स्टारमर ने कहा कि यह समझौता ब्रिटेन के कोने-कोने में नई नौकरियाँ और व्यापार के अवसर लाएगा। उन्होंने कहा कि यह हमारी परिवर्तन योजना का हिस्सा है। हम अर्थव्यवस्था को तेज़ी से बढ़ाएँगे और लोगों का जीवन स्तर ऊँचा उठाएँगे।

इस समझौते में क्या होगा?

मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के तहत, ब्रिटेन से भारत आने वाले सामानों पर अब औसत 15% की बजाय केवल 3% कर लगेगा। इससे कार, चिकित्सा उपकरण, सौंदर्य उत्पाद और शीतल पेय जैसी वस्तुएँ भारत में सस्ती और आसानी से उपलब्ध हो जाएँगी। व्हिस्की पर कर 150% से घटाकर 75% कर दिया जाएगा और 10 वर्षों में इसे घटाकर 40% कर दिया जाएगा।

इससे भारतीय बाज़ार में ब्रिटेन को फ़ायदा होगा। एयरोस्पेस, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिकल मशीनरी जैसे क्षेत्रों में लगने वाले करों में भारी कमी आएगी, जिससे उद्योगों को बड़ी राहत मिलेगी। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, इस समझौते से ब्रिटेन की जीडीपी में प्रति वर्ष 4.8 अरब पाउंड की वृद्धि होगी।

निवेश और सहयोग के नए रास्ते

ब्रिटिश सरकार के अनुसार, इस समझौते से 26 ब्रिटिश कंपनियों को भारत में नया कारोबार मिलेगा। एयरबस और रोल्स रॉयस जल्द ही भारत को नए विमान उपलब्ध कराएँगे। इससे स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र को भारतीय बाज़ार में पहले से कहीं ज़्यादा पहुँच मिलेगी।