
Prabhat Vaibhav,Digital Desk :शहरों में रहने वाले गरीब और जरूरतमंद लोगों को सस्ता, पौष्टिक और स्वादिष्ट खाना मिल सके, इसके लिए अब सामुदायिक रसोई योजना को धरातल पर उतारने की दिशा में तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं। इसको लेकर लखनऊ स्थित सूडा भवन में एक अहम कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें कई राज्यों की ऐसी योजनाओं के प्रतिनिधियों और भोजन क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भाग लिया।
कार्यशाला में सूडा की निदेशक अपूर्वा दुबे ने बताया कि जल्द ही एक व्यापक कार्ययोजना तैयार कर सामुदायिक रसोई की स्थापना शुरू की जाएगी। उन्होंने गरीबों को स्वच्छ और संतुलित भोजन मुहैया कराने की आवश्यकता पर जोर देते हुए इस योजना के महत्व को रेखांकित किया।
ओडिशा में पहले से चल रही "आहार योजना" के नोडल अधिकारी चित्ता रंजन महोना ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे वहां 169 भोजन केंद्र चल रहे हैं, जहां सुबह का नाश्ता और दोनों समय का भोजन उपलब्ध कराया जाता है।
इसी तरह मध्य प्रदेश की "दीनदयाल रसोई योजना" के नोडल अधिकारी दुर्गेश तिवारी ने बताया कि उनके यहां 166 स्थायी रसोई और 25 मोबाइल फूड वैन के जरिए लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है।
कार्यशाला में आंध्र प्रदेश की "अन्ना कैंटीन" योजना के प्रतिनिधि सुरेश गौड़ (हरे कृष्ण मिशन), "अक्षय पात्र" के लखनऊ प्रतिनिधि विक्रांत मोहन, "गैलेंट गोरखपुर" से बृज मोहन जोशी ने भी अपने राज्यों और संस्थाओं के प्रयासों की जानकारी दी।
इसके अलावा लखनऊ की मधुरिमा रेस्टोरेंट, अमृत फूड, प्रदीप एयर कैटरर, बीकानेर वाला, होटल राजस्थान और अन्य खाद्य सेवा प्रदाताओं ने भी इस बैठक में भाग लिया। विशेष रूप से आइआरसीटीसी की टीम, बीओएच किचन स्पेशलिस्ट्स और आर्किटेक्ट-कंसल्टेंट्स ने योजना को तकनीकी और प्रबंधन स्तर पर मजबूत बनाने के सुझाव दिए।
इस तरह, सामुदायिक रसोई को सफल बनाने के लिए सरकार और निजी संस्थाएं मिलकर एक समर्पित और सुनियोजित ढांचे की दिशा में काम कर रही हैं।