img

Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बुधवार को आरसीबी की जीत का जश्न कई परिवारों के लिए मातम में बदल गया। कप्तान रजत पाटीदार, विराट कोहली और टीम के अन्य खिलाड़ी ट्रॉफी लेकर बेंगलुरु पहुंचे, जहां 4 जून की शाम को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में जल्दबाजी में जश्न मनाया गया। इस अराजक आयोजन के दौरान स्टेडियम के बाहर भगदड़ मच गई, जिसमें कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई। अब एक बड़ा खुलासा हुआ है कि पुलिस ने आरसीबी प्रबंधन से इस आयोजन को स्थगित करने का अनुरोध किया था।

आरसीबी ने 3 जून को अपना पहला आईपीएल खिताब जीता था। सुबह-सुबह खबर आई कि आरसीबी बेंगलुरु में विजय परेड निकालेगी। सुबह से ही सड़कों पर भीड़ जुटने लगी थी, इस दौरान पुलिस ने विजय परेड की इजाजत नहीं दी और इसे रद्द कर दिया गया। लेकिन अब एक और बड़ा खुलासा हुआ है कि पुलिस ने एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में होने वाले जश्न को भी टालने का अनुरोध किया था। उनका मानना ​​था कि प्रशंसक अभी भी काफी उत्साहित हैं, क्योंकि टीम ने कल ही ट्रॉफी जीती है। पुलिस चाहती थी कि आरसीबी रविवार को यह कार्यक्रम आयोजित करे।

पुलिस चाहती थी कि आरसीबी रविवार को अपना जश्न मनाए, 
लेकिन जब पुलिस ने अनुरोध किया कि कार्यक्रम को रविवार तक के लिए टाल दिया जाए, तो आरसीबी ने इसे 4 जून को क्यों आयोजित किया? डेक्कन हेराल्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसके पीछे आरसीबी का तर्क यह था कि तब तक उनकी टीम के विदेशी खिलाड़ी अपने देश वापस आ जाएंगे।

रिपोर्ट में एक पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा गया है, "हमने सरकार के साथ-साथ आरसीबी फ्रेंचाइजी को भी कार्यक्रम स्थगित करने के लिए मनाने की कोशिश की। हमने उन्हें रविवार को कार्यक्रम आयोजित करने की सलाह दी, जब प्रशंसकों की भावनाएं थोड़ी शांत हो गई हों। हमने उनसे यह भी कहा कि जुलूस निकालने के बजाय कार्यक्रम को एक जगह पर संगठित तरीके से आयोजित किया जाना चाहिए। खिलाड़ियों को स्टेडियम में लाया जाना चाहिए और पूरा कार्यक्रम वहीं होना चाहिए।"

आईपीएल 2025 का फाइनल पहले 25 मई को खेला जाना था, लेकिन भारत-पाकिस्तान तनाव के कारण इसे स्थगित करना पड़ा और फिर 3 जून को इस मैच की तारीख तय की गई। इस दौरान वे खिलाड़ी भी वापस लौट आए, जो आईपीएल शुरू होने के बाद टीम में वापस आ गए थे। टीम में शामिल खिलाड़ियों को अपनी-अपनी राष्ट्रीय टीमों से जुड़ना है, इसलिए वे ज्यादा समय तक नहीं रुक सकते। इसलिए आरसीबी प्रबंधन चाहता था कि यह आयोजन बुधवार को ही कराया जाए।

उन्होंने कहा, "उनका तर्क था कि उनके खिलाड़ी, खासकर विदेशी खिलाड़ी तब तक भारत में नहीं रहेंगे। स्वाभाविक रूप से सरकार भी इसका फायदा उठाना चाहेगी। अगर सरकार मना भी कर देती तो अराजकता फैल जाती। मंगलवार सुबह 5:30 बजे तक कांस्टेबल से लेकर कमिश्नर तक सभी सड़कों पर थे और पूरी तरह थक चुके थे। यह पूरी तरह पागलपन था, हमने पहले कभी ऐसा उन्माद नहीं देखा।"