
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद, कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस फैसले को 'आर्थिक ब्लैकमेल' करार दिया है। उन्होंने कहा कि ट्रंप भारत पर अनुचित व्यापार समझौतों के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी कमज़ोरी को भारतीय लोगों के हितों से ऊपर नहीं रखना चाहिए। यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत सरकार रूस से कच्चा तेल खरीदना जारी रखने पर अड़ी हुई है और अमेरिका का दबाव बढ़ रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने के फैसले के बाद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि यह टैरिफ एक तरह का 'आर्थिक ब्लैकमेल' है। गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी इस मुद्दे पर चुप हैं क्योंकि अडानी समूह के खिलाफ अमेरिका में चल रही जांच के कारण उनके हाथ बंधे हुए हैं। दूसरी ओर, भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि देश की ऊर्जा नीति राष्ट्रीय हित और बाजार के कारकों पर आधारित है और कोई भी बाहरी दबाव भारत को अपना फैसला बदलने के लिए मजबूर नहीं कर सकता।
राहुल गांधी का हमला
राहुल गांधी ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने के ट्रंप के फैसले की कड़ी आलोचना की है और इसे 'आर्थिक ब्लैकमेल' बताया है। उन्होंने अपने ट्विटर संदेश में कहा कि ट्रंप का मकसद भारत पर एक अनुचित व्यापार समझौते के लिए दबाव बनाना है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, "प्रधानमंत्री मोदी को अपनी कमज़ोरियों को भारतीय लोगों के हितों से ऊपर नहीं रखना चाहिए।"
Trump’s 50% tariff is economic blackmail - an attempt to bully India into an unfair trade deal.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 6, 2025
PM Modi better not let his weakness override the interests of the Indian people.
प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर सवाल
रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस चुप्पी की वजह अमेरिका में अडानी समूह के खिलाफ चल रही जांच है। गांधी ने लिखा, "भारत कृपया समझ ले, बार-बार धमकियों के बावजूद, प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति ट्रंप के सामने खड़े नहीं हो पा रहे हैं, इसकी वजह अडानी के खिलाफ चल रही अमेरिका की जांच है। मोदी के हाथ बंधे हुए हैं।"
भारत सरकार का रवैया
भारत सरकार ने भी इस मुद्दे पर अपना आधिकारिक रुख स्पष्ट कर दिया है। सरकार ने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा नीति राष्ट्रीय हित और बाज़ार की गतिशीलता के आधार पर तय करता है। रूस से कच्चे तेल की ख़रीद भारत के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए की जाती है। सरकार ने स्पष्ट किया कि भारत की ऊर्जा ख़रीद पर कोई बाहरी दबाव नहीं होगा।