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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर प्रेमपूर्वक रक्षा सूत्र बाँधती है।

9 अगस्त को पूरा देश भाई-बहन के अटूट प्रेम और सुरक्षा का प्रतीक माने जाने वाले रक्षाबंधन के खास त्योहार को मनाएगा। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रंग-बिरंगा रेशमी धागा या रक्षा सूत्र बाँधती हैं, जो सिर्फ़ एक रेशमी धागा ही नहीं, बल्कि जीवन भर की सुरक्षा, प्रेम और साथ का वचन भी होता है। बदले में भाई अपनी बहनों को अपनी सुरक्षा और शांति का आश्वासन देते हैं। यह त्योहार परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम, सौहार्द और सद्भाव को बढ़ावा देता है।

वर्ष 2025 में यह त्यौहार 9 अगस्त, शुक्रवार को मनाया जाएगा। श्रावण पूर्णिमा पर पड़ने वाला यह त्यौहार इस त्यौहार को और भी पवित्र और विशेष बनाता है। रक्षाबंधन पर राखी बांधते समय धागे या धातु का भी महत्व होता है, आइए जानते हैं कि कौन सी धातु बांधना शुभ रहेगा...

रेशमी या सूती राखी

रक्षाबंधन के लिए रेशमी धागा सबसे पारंपरिक या आम धागा है। यह राखी इसलिए खास और शुभ मानी जाती है क्योंकि यह पवित्रता और मूल्य से परे प्रेम का प्रतीक है। रेशमी राखी मुलायम होती है, जो रिश्ते की नाजुकता और मजबूती दोनों को दर्शाती है। ऐसे में यह भाइयों को ज़्यादा प्रिय भी मानी जाती है।

चांदी की राखी

हिंदू धर्म में चांदी की धातु को शुभ माना जाता है, इसलिए ज्योतिष के अनुसार अगर किसी भाई की कुंडली में चंद्र दोष है तो उसे चांदी की राखी जरूर बांधें, इससे उस पर दोष का प्रभाव कम होगा। चांदी को शीतलता और मानसिक शांति का प्रतीक माना जाता है, जो भाई के मन को मानसिक रूप से शांत रखती है।

सोने की राखी

ज्योतिष शास्त्र में सोने का संबंध बृहस्पति और सूर्य से माना जाता है। ऐसे में अगर आप अपने भाई की कुंडली में सूर्य या बृहस्पति ग्रह को मजबूत करना चाहती हैं, तो उन्हें सोने की राखी ज़रूर पहनाएँ। इससे उनके ग्रहों का असंतुलन दूर होगा। आपको बता दें कि सोना बृहस्पति से जुड़ा है, जो ज्ञान, भाग्य और सफलता का प्रतीक है।