
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : चीन के तियानजिन में चल रहा 25वां शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन दुनिया भर के नेताओं का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। इस शिखर सम्मेलन का एक वीडियो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच ज़बरदस्त तालमेल को दर्शाता है। वीडियो में पुतिन जिनपिंग से कुछ कह रहे हैं और उसे सुनकर प्रधानमंत्री मोदी हंस पड़ते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक दुर्लभ और दिलचस्प पल बनता जा रहा है।
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच की मधुर केमिस्ट्री चर्चा का विषय बन गई है। एक वायरल वीडियो में पुतिन चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात कर रहे हैं और यह सुनकर प्रधानमंत्री मोदी ज़ोर से हँस पड़ते हैं, जिसने वहाँ मौजूद अन्य नेताओं का भी ध्यान खींचा। वीडियो में राजनीतिक तनाव के बीच वैश्विक नेताओं के बीच अनौपचारिक और सौहार्दपूर्ण पलों को दिखाया गया है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर, शिखर सम्मेलन के संयुक्त घोषणापत्र में पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई है, जिसे भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि माना जा रहा है।
मोदी , पुतिन और जिनपिंग के बीच मजबूत केमिस्ट्री
इस वीडियो में देखा जा सकता है कि पुतिन गंभीरता से जिनपिंग को कुछ समझा रहे हैं, जबकि पीएम मोदी उनकी बात ध्यान से सुन रहे हैं। पुतिन की बात सुनकर अचानक पीएम मोदी ज़ोर से हंस पड़ते हैं और उनके आस-पास मौजूद अन्य नेता भी उनकी हँसी में शामिल हो जाते हैं। यह लम्हा दिखाता है कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति की गंभीरता के बीच भी नेताओं के बीच अनौपचारिक और सौहार्दपूर्ण संबंध विकसित हो रहे हैं। इस घटना ने यूरोप और अमेरिका जैसे देशों का भी ध्यान खींचा है, क्योंकि इन तीनों गणमान्य व्यक्तियों के बीच एकता और मैत्रीपूर्ण माहौल भविष्य के राजनीतिक समीकरणों के लिए महत्वपूर्ण संकेत दे सकता है।
एससीओ घोषणापत्र में पहलगाम हमले का जिक्र
इस शिखर सम्मेलन में भारत की कूटनीतिक सफलता भी साफ़ दिखाई दी। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा खुलकर उठाया। उन्होंने कहा कि कुछ देश खुलेआम आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं, जिस पर हम अपनी आँखें बंद नहीं कर सकते। पीएम मोदी की पहल के कारण ही एससीओ शिखर सम्मेलन के संयुक्त घोषणापत्र में पहलगाम आतंकवादी हमले का विशेष रूप से ज़िक्र किया गया और इसकी कड़ी निंदा की गई।
भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी पाकिस्तान प्रायोजित हमले की इतनी स्पष्ट रूप से निंदा की गई है। अब तक, बहुपक्षीय मंचों पर ऐसे मुद्दों पर सीधी बातचीत से बचा जाता था। प्रस्ताव में इस प्रस्ताव को शामिल करना भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि मानी जा रही है, जो दर्शाता है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के रुख को गंभीरता से ले रहा है। यह घटनाक्रम भारत के विदेश संबंधों की मज़बूती और आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में उसके दृढ़ रुख को भी दर्शाता है।