
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : हाल ही में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की संयुक्त रैली को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है। हालांकि, शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद नरेश म्हास्के ने इस रैली पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने साफ कहा है कि यह गठबंधन सिर्फ चुनावी हितों के लिए बना है, किसी वैचारिक एकता या मराठी अस्मिता के लिए नहीं। म्हास्के ने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की इस एकता को 'सिर्फ मराठी मुद्दा' नहीं, बल्कि राजनीतिक रणनीति का हिस्सा बताया है।
शिंदे गुट का आरोप: ' चुनाव केंद्रित गठबंधन'
नरेश म्हस्के ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने हिंदी थोपने का कोई निर्णय नहीं लिया है और महाराष्ट्र में मराठी के खिलाफ कोई कुछ नहीं कह सकता। उन्होंने कहा कि मराठी हमारी पहचान है और हम इसके साथ मजबूती से खड़े हैं।
म्हस्के ने उद्धव ठाकरे के भाषण पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज ठाकरे ने अपने भाषण में मराठी भाषा का मुद्दा उठाया था, लेकिन उद्धव ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि उद्धव के भाषण में उनकी हार का दुख साफ झलक रहा है और उन्होंने स्वीकार किया है कि यह गठबंधन केवल चुनावी लाभ के लिए है, मराठी अस्मिता के लिए नहीं।
#WATCH | Thane, Maharashtra: On the joint rally of Shiv Sena (UBT) and Maharashtra Navnirman Sena (MNS), Shiv Sena MP Naresh Mhaske says, "The state government has not taken any decision to impose Hindi. In this joint rally, only Raj Thackeray's speech had a mention of the… pic.twitter.com/gZZD2i5LGg
— ANI (@ANI) July 5, 2025
संजय राउत पर निशाना
म्हास्के ने शिवसेना-मनसे की संयुक्त रैली को आगामी मुंबई और महाराष्ट्र चुनावों के लिए एक रणनीति बताया। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को अपनी पार्टी में टूट का डर है क्योंकि उनके जिला प्रमुख, विधायक और सांसद उनका साथ छोड़ रहे हैं। इसीलिए उन्होंने राज ठाकरे की मदद ली। यह रैली सिर्फ़ यह दिखाने के लिए थी कि राज ठाकरे उनके साथ हैं।
म्हास्के ने शिवसेना नेता संजय राउत पर भी निशाना साधा और रैली को संजय राउत की साजिश करार दिया। उन्होंने दावा किया कि उद्धव ठाकरे इस रैली के जरिए अपनी पार्टी को एकजुट रखने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह कोशिश सिर्फ चुनावी हथकंडा है। म्हास्के ने फिर जोर देकर कहा कि महाराष्ट्र में कोई भी मराठी भाषा और संस्कृति के खिलाफ नहीं बोल सकता है और उद्धव ठाकरे पर मराठी मुद्दे का इस्तेमाल सिर्फ चुनावी फायदे के लिए करने का आरोप लगाया।