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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : ऑनलाइन मनी गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को संसद की मंज़ूरी के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी हरी झंडी दे दी है, जिसके बाद अब यह कानून बन गया है। इस कानून के तहत सभी ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया जाएगा और ऐसे गेम उपलब्ध कराने वालों को तीन साल तक की कैद और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

नए कानून में ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म का विज्ञापन करने पर दो साल तक की कैद और 50 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन और रेगुलेशन बिल को पहले संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा ने पारित कर दिया था। राज्यसभा ने इसे 26 मिनट में और लोकसभा ने सात मिनट में पारित कर दिया।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया कि लोग ऑनलाइन गेमिंग में अपनी जीवन भर की जमा-पूंजी गँवा रहे हैं। उन्होंने राज्यसभा में कहा, "समय-समय पर समाज बुराइयों से जूझता रहता है। ऐसे में सरकार और संसद का यह कर्तव्य है कि वे इनकी जाँच करें और इन पर नियंत्रण के लिए कानून बनाएँ।"

इस कानून के लागू होने से देश के ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को बड़ा झटका लगा है। ड्रीम11 और माय11सर्कल जैसे फ़ैंटेसी गेमिंग ऐप्स ने अपने प्लेटफ़ॉर्म पर असली पैसे वाले गेम्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। देश में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग का अनुमानित मूल्य 3.8 अरब डॉलर है। नए कानून ने इस उद्योग के भविष्य को खतरे में डाल दिया है।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया कि लोग ऑनलाइन जुए में अपनी जीवन भर की जमा-पूंजी गँवा रहे हैं। उन्होंने राज्यसभा में कहा, "समाज समय-समय पर बुराइयों का सामना करता है। ऐसे में सरकार और संसद का यह कर्तव्य है कि वे इनकी जाँच करें और इन्हें नियंत्रित करने के लिए कानून बनाएँ।" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यह विधेयक ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देगा और समाज को ऑनलाइन गेम्स के हानिकारक प्रभावों से बचाएगा। इस विधेयक के पारित होने के बाद, ड्रीम11 और विंज़ो समेत कई गेमिंग प्लेटफॉर्म्स ने अपना परिचालन बंद करने की घोषणा की है।